साधु-संतों का ‘मुस्लिमों’ ने किया स्वागत, कल होगी ‘धर्मसभा’

By : madhukar dubey, Last Updated : March 18, 2023 | 7:36 pm

रायपुर। प्रदेश में हिन्दू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा (Hindu Swabhiman Jagran Saint Padyatra) निकाली जा रही है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से यात्रा रायपुर पहुंच रही है। शनिवार को संतों का जत्था गुढ़ियारी इलाके में पहुंचा। यहां मुस्लिम समुदाय (muslim community) के लोगों ने साधुओं का स्वागत किया। गुढ़ियारी के कुन्द्रा पारा में पहुंचे संतों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने फूल बरसाए, भगवा गमछा पहनाकर संतों का सत्कार किया। रविवार को यहां बड़ा धार्मिक सम्मेलन है।

इलाके के लोगों में धार्मिक सौहाद्र को बढ़ावा देने ये कदम उठाया गया। संतों के पहुंचते ही मोहल्ले में जय श्री राम और घर-घर राम राज आएगा के नारे लगने लगे। इस बीच इस इलाके के इस्लामिक समाज के लोगों ने संतों से मुलाकात की और यात्रा के बारे में चर्चा की।

संतों की पदयात्रा का समापन 17 मार्च को हो गया। विभिन्न स्थानों से पहुंचे संतों का राजधानी में इसी तरह से स्वागत किया गया। यात्रा के समापन के बाद राजधानी में 19 मार्च को धर्म सभा का आयोजन किया गया है। विश्व हिंदू परिषद और कई हिंदू संगठन इस आयोजन से जुड़े हैं। इस यात्रा के दौरान संत समाज के सदस्य दलितों के घर भी गए वहां भोजन किया।

आयोजकों का कहना है कि हरि भोजन का उद्देश्य सामाजिक समरसता का विस्तार करना है। इस यात्रा के दौरान कई पड़ाव पर संतों ने हरि भोजन किया, जिसका उद्देश्य जात-पात और ऊंच-नीच का भेदभाव को खत्म करते हुए सनातन धर्म और हिंदुत्व विचारधारा को प्रचारित करना था। राजधानी में संतों की पदयात्रा पहुंचने के बाद विभिन्न् मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई।

रावणभाठा मैदान में तैयारियां पूरी

धर्म सभा में देशभर के 500 से अधिक संत शहर के रावणभाठा मैदान में जुटेंगे। मैदान में आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। पदयात्रा में 33 जिलों का भ्रमण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग स्वस्फूर्त जुटे। आयोजकों का कहना है कि यात्रा का पड़ाव गांवों से लेकर शहरों तक विस्तारित था। इस दौरान सरगुजा से लेकर बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में भी धर्म का प्रचार किया गया।

बड़े संत होंगे शामिल

आयोजकों के मुताबिक वर्तमान में महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, जितेंद्रनंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी चिंदबरानंद जी सरस्वती(मुंबई), स्वामी संपूर्णानंद आर्य समाज (हरियाणा), साध्वी प्राची जी (देहरादून), महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद जी (हरिद्वार), युधिष्ठिर लाल जी महाराज शदाणी दरबार, रायपुर,महंत रामलोचन दास निर्माेही अखाड़ा (चित्रकूट धाम), श्रीराम बालकदास पाटेश्वर धाम बालोद (छत्तीसगढ़), स्वामी सर्वेश्वर दास सहित छत्तीसगढ़ व देश के विभिन्न् राज्यों से संतों के आने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।

चार तीर्थस्थलों से यात्रा की हुई थी शुरूआत

18 फरवरी को यह यात्रा छत्तीसगढ़ के अलग-अलग दिशाओं में देवी के चार तीर्थस्थलों से शुरू की गई थी। यात्रा मां महामाया (रामानुजगंज), मां चंद्रहासिनी (जशपुर), मां दंतेश्वरी (दंतेवाड़ा) और मां बम्लेश्वरी के नाम से (पानाबरस, मोहला) से शुरू की गई थी।