‘श्रीवास’ का PSC घोटाले में नया खुलासा! कहा-‘भाजपा’ सरकार बनी तो ‘सोनवानी’ की जगह जेल

By : hashtagu, Last Updated : November 22, 2023 | 3:41 pm

रायपुर। पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामनसिंह सोनवानी (Former PSC Chairman Tomansingh Sonwani) पर नया आरोप लगा है। भाजपा प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास (Gauri Shankar Srivas) ने आज सोशल मीडिया में दावा किया कि सोनवानी के भाई के दामाद को सरनेम छिपाकर सहायक जेल अधीक्षक बनाया गया है। इससे जुडे कागजात सोशल मीडिया में वायरल हैं।

दावा किया गया है कि पीएससी चयनितों की सूची में सहायक जेल अधीक्षक पद की सूची में दूसरे नंबर पर जिस नरेन्द्र सिंग की नियुक्ति हुई है, वह पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामनसिंह सोनवानी के भाई का दामाद है। नियुक्ति सूची में रोल नंबर 2009156898 नरेन्द्र सिंग का बताया जाता है जिसे सहायक जेल अधीक्षक पद की पोस्टिंग दी गई है। नाम के बाद का सरनेम भी छुपा दिया गया है। भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि काफ़ी अध्ययन के बाद ये पता लगाया गया कि पीएससी घोटाले का मुख्य सरग़ना टामन सोनवानी के भाई का दामाद भी सरनेम छिपाकर सहायक जेल अधीक्षक बन गया।

 

  • बता दें कि पीएससी भर्ती घोटाला का मुददा छाया हुआ है और विपक्षी भाजपा ने इसे लगातार सरकार के खिलाफ उठाया है। इसके पहले पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामनसिंह सोनवानी पर गंभीर आरोप लगा था कि उन्होंंने अपने रिश्तेदारों को, कुछ सरकारी अफसरों के बेटे बेटियों, दामाद, कांग्रेस नेता के रिश्तेदारों को गडबडझाला करके पीएससी में चयनित करवाया. खुद सोनवानी पर अपने दत्तक पुत्र को डिप्टी कलेक्टर बनाने, सोनवानी जी का भतीजा को डीएसपी बनाने तथा सोनवानी की भांची को श्रम पदाधिकारी पद पर चयनित कराने के आरोप लगे थे. और अब सोनवानी के भाई के दामाद को सरनेम छिपाकर सहायक जेल अधीक्षक पद पर नियुक्ति देने का आरोप लगा है।

भाजपा सरकार बनी तो सोनवानी की जगह जेल : गौरी शंकर श्रीवास

भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने इस मामले में कहा कि मैंने कागजात के साथ यह आरोप लगाया है कि टामन सोनवानी ने अपने भाई के दामाद को सहायक जेल अधीक्षक पद पर नियुक्ति दिलवाई है. यह सरासर अन्याय है. भाजपा सरकार बनने पर पीएससी भर्ती घोटाला की जांच होगी. सोनवानी को जेल भेजा जायेगा तथा संदिग्धतौर पर गलत नियुक्तियां रदद की जाएंगी.

जानते चलें कि भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने ही पीएससी घोटाला का मामला सबसे पहले उठाते हुए राजभवन में शिकायत की थी और उसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है जहां दो—तीन सुनवाई हो चुकी है।

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