अब फिर से जनता ‘चुनेंगी’ महापौर! डिप्टी CM ‘अरुण साव’ ने दिए बड़े संकेत…. भूपेश ने ‘क्यों’ बदले थे नियम

By : hashtagu, Last Updated : May 14, 2024 | 7:14 pm

रायपुर। भूपेश बघेल सत्ता में आने के बाद रायपुर में कांग्रेस के महापौर होने के बावजूद अचानक चुनाव की प्रक्रिया ही बदल दिए थे। ऐसे में रायपुर से महापौर प्रमोद सभापति की जिम्मेदारी संभाली तो भूपेश के खास कहे जाने वाले एजाज ढेबर को पार्षदों ने महापौर चुना। लेकिन एक बार भाजपा की जोरदार वापसी हुई और लोकसभा चुनाव की व्यस्ता समाप्त होने के बाद विष्णुदेव साय की सरकार अपने फुलफार्म में दिखेगी और कांग्रेस के समय नगरीय निकायों में चुनाव की प्रक्रिया की फिर से डिप्टी सीएम अरुण साव (Deputy CM Arun Sao) समीक्षा करेंगे।

  • अगर भाजपा संगठन की सहमति बनी तो हो सकता है कि एक बार फिर से नगरीय निकायों में महापौर (Mayor municipal bodies) , नगर पंचायत अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता चुनेंगी। क्योंकि इसी साल नगरीय निकायों के चुनाव होना तय माना जा रहा है। ऐसे में नगरीय प्रकिया में बदलाव होने के चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है।

ऐसे में इशारों-इशारों में ये बात प्रदेश के डिप्टी CM और नगरीय प्रशासन विभाग के मंत्री अरुण साव ने कही। मंगलवार को मीडिया ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सवाल किया। पूछा गया कि क्या अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को बदला जाएगा। अप्रत्यक्ष चुनाव से मतलब है कि जनता महापौर नहीं पार्षद चुनते हैं। प्रत्यक्ष में जनता पार्षद और महापौर दोनों का चुनाव करती है।

इसका जवाब देते हुए अरुण साव ने कहा- बहुत जल्द ही लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद नगरीय निकाय चुनाव कैस हों, इसपर निर्णय करेंगे । सभी एंगल पर विचार करके इस पर निर्णय लेंगे हमारी सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयार है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रणाली को लेकर विचार किया जाएगा।

भूपेश सरकार ने बदले थे नियम

छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने राज्य में महापौर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता के हाथ में दे दिया था। तब तरुण चटर्जी पहले महापौर थे, जो जनता के बीच से चुनकर आए थे। तब से अब तक महापौर का चार बार चुनाव सीधे मतदान से हुआ । पिछली बार 2018 में जब कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार सत्ता में आई तो नियमों में फेरबदल किया गया।

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