भूपेश के बयान पर भाजपा के दिग्गजों ने छोड़े सियासी तीर-किरणदेव और इधर केदार कश्यप ने कहा ये रिश्ता क्या कहलाता है

कोयला लेवी घोटाले के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी से जेल प्रशासन द्वारा नहीं मिलने देने पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने

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  • Updated On - September 13, 2024 / 08:28 PM IST

रायपुर। कोयला लेवी घोटाले(coal levy scam)के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी(Suryakant Tiwari) से जेल प्रशासन द्वारा नहीं मिलने देने पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कल भाजपा पर हमला बोला था। जिसे लेकर शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह और वन मंत्री केदार कश्यप सहित केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने जोरदार सियासी पलटवार किया है।

   कांग्रेस की सरकार में सिंडिकेट का जन्म हुआ था-किरण सिंहदेव,

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि अब सब कुछ बहुत स्पष्ट है। भारतीय जनता पार्टी तो शुरू से ही कह रही हैं कि सांच को आंच नहीं। कांग्रेस की सरकार में सिंडिकेट का जन्म हुआ था। जब भूपेश बघेल की कोई संलिप्तता नहीं है तो ऐसी कौन सी बात है, जो कोयला घोटाले के सरगना सूर्यकांत तिवारी से मिलने जेल जाना पड़ गया। किरण सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए भ्रष्टाचार की सीमा लांघ दी। जिनकी जमानत नहीं हो रही है, वे सभी लोग जेल में हैं। अत्याचार आपकी सरकार में हुआ है, भ्रष्टाचार आप करें, आपके लोग करें। कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। टारगेट करने की बात बहुत हास्यास्पद है। जनता सब समझती है इसलिए पांच सालों में ही सरकार चली गई।

घोटाले के आरोपी से मिलने की आतुरता ने आईने की तरह साफ कर दिया है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है : भाजपा

वन मंत्री केदार कश्यप ने बिफरे बघेल की नाराजगी पर सवालों की बौछार करते हुए यह जानना चाहा कि आखिर         रिश्ता कहलाता क्या है?

कश्यप की दो टूक : ‘विष्णु के सुशासन’ में गरीब जनता का पैसा खाने वाला, उनका हक मारने वाला कोई व्यक्ति नहीं     बचेगा, बघेल चाहे जितना प्रलाप कर लें

छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कोयला घोटाले के मामले में जेल में बंद आरोपी सूर्यकांत तिवारी से नहीं मिलने देने पर बुरी तरह बिफरे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सवालों की बौछार करते हुए पूछा है कि घोटाले के मामले में जेल में बंद आरोपियों से बघेल को क्या काम पड़ गया और वह सूर्यकांत से मिलने के लिए इतने उतावले क्यों हो गए? आरोपी तिवारी के पत्र लिखने के बाद से बघेल को कौन-सा डर सता रहा है? श्री कश्यप ने कटाक्ष करते हुए बघेल से यह जानना चाहा है कि घोटाले के आरोपी सूर्यकांत से उनका क्या नाता है और यह रिश्ता कहलाता क्या है?

प्रदेश के वन व सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कोयला घोटाले का जेल में पिछले लगभग दो साल से बंद एक आरोपी, जिसे कई महीनों से जमानत तक नहीं मिल रही है, से मिलने की ऐसी आतुरता ‘आईने की तरह’ साफ बता रही है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो सूर्यकांत ने कोर्ट में याचिका लगाकर बघेल को यह इशारा कर दिया है कि अब वह ज्यादा दिन तक राज दफन नहीं कर सकता, ज्यादा दिन तक चुप नहीं रह पाएगा। क्या इसीलिए बघेल अब उससे मिलकर इस बात को सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि कहीं उनका पर्दाफाश तो नहीं हो रहा है? अन्यथा तो किसी भी आरोपी से मिलने की इतनी जल्दबाजी, इतनी आतुरता बघेल क्यों दिखा रहे हैं? और, नहीं मिलने देने पर बिफरकर इतनी नाराजगी क्यों जता रहे हैं? श्री कश्यप ने कहा कि जब सूर्यकांत ने कोर्ट में यह लिखकर दे दिया है तो कोर्ट की अपनी प्रक्रिया है, कोर्ट उसको देखेगी। उसमें भूपेश बघेल तो कोर्ट का काम नहीं कर सकते हैं और न ही पुलिस का काम कर सकते हैं।

प्रदेश के वन व सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि घपलों-घोटालों के आरोपियों का जो संरक्षण भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था, वह आज भी जारी है तो यह रिश्ता क्या कहलाता है? आखिर यह क्या मामला है जिसकी वजह से भूपेश बघेल केवल और केवल अपराधियों से मिलना चाहते हैं, उनकी बातें करना चाहते हैं, उनकी वकालत करना चाहते हैं? श्री कश्यप ने कहा कि मामला साफ है। इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह घोटाला, मिलीभगत का घोटाला है और वह ‘पॉलिटिकल मास्टर’, जिसके बारे में जाँच एजेंसियाँ लगातार कहती रही है, तो जाँच एजेंसियों का इशारा किस तरफ है, यह पता चल रहा है। अब बघेल चाहे जितने नखरे-नौटंकी कर लें, अपनी बौखलाहट व नाराजगी चाहे जितनी दिखा लें, बघेल को अब यह बात अच्छी तरह से गाँठ बांध लेनी चाहिए कि प्रदेश में अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का सुशासन चल रहा है और इसमें कोई कितना ही प्रलाप कर ले, छत्तीसगढ़ की गरीब जनता का पैसा खाने वाला व्यक्ति, उनका हक मारने वाला कोई व्यक्ति नहीं बचेगा।
‘विष्णु के सुशासन’ में कानून तो अपना काम करेगा ही, और अपराधी चाहे जो हों, बघेल की सारी वकालत के बावजूद अपराधी को सींखचों के पीछे जाना ही पड़ेगा, यही उनकी तयशुदा नियति है।