छत्तीसगढ़। (reservation bill) आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर राज्यपाल ने दो टूक कह दिया। (Governor) राज्यपाल ने संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदस्यों से कहा कि आरक्षण तथा विधानसभा द्वारा पारित उक्त विधेयक के संबंध में प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के लगभग ४२ विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन व आवेदनों के माध्यम से मुझे अपने विचारों से अवगत कराया है। प्रतिनिधि मंडल द्वारा आरक्षण बढ़ाये जाने के अनुरोध के परिप्रेक्ष्य में ही मैंने सरकार से जानकारी चाही थी।
राज्यपाल ने इन आवेदनों सहित क्वांटिफिएबल डाटा आयोग के रिपोर्ट से संबंधित बिन्दुओं पर विचार कर विधि सम्मत निर्णय लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि पारित आरक्षण विधेयक के वर्तमान संदर्भित विषयों को संविधान पीठ द्वारा पारित पूर्व निर्णयों के आलोक में विधि विशेषज्ञों के परामर्श उपरांत निर्णय लूंगी।
माननीय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री @MohanMarkamPCC जी सहित शासन के वरिष्ठ मंत्री एवं विधायकों ने आज 'जन अधिकार महारैली' के पश्चात्, महामहिम राज्यपाल को लंबित आरक्षण विधेयक के संदर्भ में ज्ञापन सौंप कर, विधेयक पर जल्द हस्ताक्षर करने की मांग की।#JanAdhikarMahaRally pic.twitter.com/SfypqQDlQb
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) January 3, 2023
मंगलवार को उनसे मिलने के लिए राजभवन में कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। सदस्यों ने भी राज्यपाल को नववर्ष की बधाई दी। सदस्यों ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को विधानसभा द्वारा पारित छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक, २०२२ तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, २०२२ पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि आज भी राज्यपाल अपने पूर्ववत बात पर अडिग हैं। उनकी दलीलें पहले वाली है। ऐसे में जाहिर है कि आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर का मुद्दा अभी लंबा खींचने वाला है। आज कांग्रेस की जन अधिकार महारैली भी हुई। जहां कांग्रेसी नेताओं ने राज्यपाल के बहाने BJP पर निशाना साधा।