ऑनलाइन सट्टे का बेंगलुरू से जुड़े तार! फर्जी बैंक खातों से 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन

ऑनलाइन सट्टे (Online Betting) पर एक बार फिर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। बिलासपुर में पुलिस (Police in Bilaspur) ने ऑनलाइन सट्टेबाजों पर.....

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  • Publish Date - July 2, 2023 / 01:19 PM IST

छत्तीसगढ़। ऑनलाइन सट्टे (Online Betting) पर एक बार फिर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। बिलासपुर में पुलिस (Police in Bilaspur) ने ऑनलाइन सट्टेबाजों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बेंगलुरू कनेक्शन का खुलासा किया है। साथ ही मोबाइल दुकान संचालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी बैंक कर्मचारियों से मिलकर ट्रेडिंग के बहाने अकाउंट खुलवाते थे, जिसका उपयोग सट्टे के लिए लेनदेन में किया जाता था। ऐसे 24 अकाउंट की पहचान की गई है। 275 बैंक अकाउंट को होल्ड करा कर करीब 12 करोड़ 30 लाख रुपए को सीज कराया। 10 लाख रुपए कैश, 30 मोबाइल, 10 लैपटॉप और 10 ATM कार्ड बरामद किया गया है।

SP संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तारबाहर थाने में ऑनलाइन सट्टे के केस में FIR किया गया है, जिसमें करीब दर्जन भर स्टूडेंट से ट्रेडिंग के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट खोला गया और उसमें करीब 50 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया गया। मामले की जांच सिविल लाइन CSP और प्रशिक्षु IPS संदीप पटेल के नेतृत्व में की जा रही है।

बैंक खातों का प्रयोग ऑनलाइन सट्टा खेलने के लिए रकम लेन देन में किया गया है। फर्जी बैंक खाता खोलने के लिए सार्थक और क्षितिज ने स्कूल- कॉलेज में पढ़ने वाले अपने जान पहचान के स्टूडेंट्स को शेयर ट्रेंडिंग और कमीशन देने का लालच देकर फर्जी बैंक खाता खुलवाया था। बैंक में पैसों के ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होने वाले आईडी पासवर्ड, UPID, कार्ड उपलब्ध कराने का काम करते थे।

बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत

तारबाहर TI मनोज नायक ने बताया कि बैंक खाता खोलने में यस बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI, HDFC, IDFC के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। बैंक खाता में जो मोबाइल नंबर रजिस्टर है वह नंबर खाताधारकों के नहीं हैं। क्षितिज के कहने पर फर्जी मोबाइल नंबर को खाता में रजिस्टर कर दिया गया, जिससे ऑनलाइन बैंकिंग और UPI ट्रांजेक्शन में सट्टा खिलाने वालों को रकम लेन-देन करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती थी। इस केस में बैंक कर्मचारी फरार हैं, जिसकी तलाश की जा रही है।

मोबाइल दुकान संचालक भी गिरफ्तार

पुलिस की जांच में पता चला कि जहां पर मोबाइल सिम बेचे जाते हैं उन दुकानों में सिम अपडेट करते समय एक बार के बजाए दोबारा फिंगरप्रिंट स्कैन कर लिया गया और दो बार फोटो खींचकर फर्जी सिम कार्ड चालू कर लिया गया। उस सिम कार्ड को महंगे दामों पर ऑनलाइन बेटिंग सट्टा खिलाने वालों को बेचते थे। पुलिस ने राजीव प्लाजा स्थित फास्ट फारवर्ड मोबाइल शॉप के संचालक बॉबी जाधव को गिरफ्तार किया है।

ऑनलाइन सट्‌टेबाजों का बेंगलुरू कनेक्शन

सिविल लाइन CSP व प्रशिक्षु IPS संदीप पटेल ने बताया कि जांच के दौरान बैंक से जानकारी लेकर पुलिस ने जब सरकंडा के क्षितिज भारद्वाज पिता राकेश भारद्वाज को पकड़ कर पूछताछ की, तब बैंक कर्मी सार्थक का नाम सामने आया। सार्थक अभी फरार है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद उनका बेंगलुरू कनेक्शन का पता चला। बेंगलुरू में बैठकर रजत जैन पिता अमरचंद जैन (27) बैंक के अकाउंट को यूपीआई आईडी के जरिए ऑपरेटर कर पैसों की लेनदेन करता था। इस मामले में सट्‌टेबाजों के साथ काम करने वाले सरकंडा के कार्तिक विश्वकर्मा पिता जगदीश विश्वकर्मा (19) और मोबाइल दुकान संचालक बॉबी जाघव पिता तोरन जाधव (28) को गिरप‌तार किया है।

600 VIP नंबर्स कराया जाएगा डिएक्टिवेट

पुलिस ने जांच के बाद फर्जी बैंक अकाउंट से लिंक तकरीबन 600 मोबाइल नंबर की पहचान की है, जिसमें सट्‌टा ऐप के लिए पैसों का लेनदेन किया जाता है। सट्‌टेबाज VIP मोबाइल नंबर लेकर अलग-अलग जगहों से अकाउंट को उपयोग करते हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि ऐसे सभी VIP मोबाइल नंबर्स को डिएक्टिवेट कराया जाएगा।

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