‘धान तस्करी’ स्टार्टअप पर ठनी!, ‘अजय चंद्राकर-सुशील’ में सियासी वार, देखें VIDEO

1 अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता (Unemployment allowance) देने का एलान मुख्यमंत्री कर चुके हैं। अब इसे लेकर अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) का बयान सामने आया है।

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  • Updated On - March 31, 2023 / 10:13 PM IST

रायपुर। अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने कहा कि कई तरह के नियम लाद दिए गए हैं। कहते हैं कि परिवार में किसी की नौकरी न हो, धान न बेचा हो,10 तरह की बात कर रहे हैं। इनकी भत्ता देने की मंशा नहीं है। उंगली कटाकर शहीद बनने की कोशिश है। चुनाव के समय ऊल जलूल बातें करना कांग्रेस की आदत है। विधानसभा में जो जवाब दिया है सबको भत्ता देना चाहिए, जो पंजीकृत हैं सभी 18 लाख नौ जवानों को देना चाहिए। 20 क्विंटल धान खरीदी पर चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस को ये बताना चाहिए कृषि उत्पादकता में किस जिले में 20 क्विंटल धान होता है, नहीं बताए हैं तो धान तस्करी को बढ़ावा देंगे, कांग्रेस का नया स्टार्टअप होगा धान तस्करी का। धमतरी में 20 क्विंटल प्रति एकड़ से ज्यादा है। जितनी पैदावार होती है उसे पूरा खरीदगें क्या इसे क्लियर करना चाहिए।

कांग्रेस के नाटक पर पर्दा डल चुका

राहुल गांधी की संसद सदस्यता मामले में प्रदेश में कांग्रेस नुक्कड़ नाटक करने जा रही है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा- आज तक कांग्रेस ने आजादी के बाद से जितना नाटक किया 2014 में उस पर पर्दा गिर चुका है। राजनीति के नैपथ्य में चली गई है कांग्रेस, अब ये यूएसए जर्मनी में जाकर नाटक करें। पहली बार हो रहा है कि विदेशी मदद मांग रहे हैं कांग्रेसी वहीं नाटक करें। शराबबंदी पर चंद्राकर ने कहा कि शराबबंदी की कमेटी मनोरंज कमेटी है। कांग्रेस प्रदेश में शराबबंदी नहीं करेगी।

भाजपा विचलित हो गई

इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो गयी है। बेरोजगारी भत्ता और 20 क्विंटल धान की खरीदी के निर्णय के बाद लगातार भाजपा के वरिष्ठ नेता इन योजनाओं के बारे में झूठे और अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। उनका वजूद खतरे में पड़ गया है इसीलिये वे कांग्रेस सरकार का विरोध करते-करते बौखलाहट में जनता से जुड़ी योजनाओं का विरोध करने लगे है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश के युवा भूलें नहीं है कैसे भाजपा के 15 साल के राज में युवाओं का शोषण हुआ था, सरकारी विभागों में भर्तियां बंद कर दी गयी थी, छत्तीसगढ़ के युवाओं को नौकरी देने के बजाय संविदा और आऊट सोर्सिंग के माध्यम से बाहरी लोगों को नौकरियों पर रखा जाता था। भाजपा ने 2003 में युवाओं से वायदा किया था कि उनकी सरकार आने पर 500 रू. बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन तीन बार सरकार में आने के बाद भी भत्ता नहीं दिया। भूपेश सरकार भत्ता दे रही तो भाजपा को पीड़ा हो रही है।