रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज पद्मश्री हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे (Surendra Dubey) का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास अशोक प्लैटिनम से निकली, जो मारवाड़ी श्मशान घाट तक पहुंची। इस दौरान कवि कुमार विश्वास, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, गृहमंत्री विजय शर्मा सहित कई नेता, साहित्यकार और प्रशंसक मौजूद रहे।
डॉ. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। 72 वर्षीय कवि रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में उपचाररत थे। उनके निधन से पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर में शोक की लहर है।
डॉ. दुबे को वर्ष 2010 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 8 जनवरी 1953 को बेमेतरा (छत्तीसगढ़) में हुआ था। पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक रहे दुबे ने हास्य-व्यंग्य को गंभीर साहित्यिक विधा का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने पाँच चर्चित पुस्तकें लिखीं और देश-विदेश के कवि सम्मेलनों में अपनी हास्य कविताओं से विशेष पहचान बनाई। 2008 में उन्हें काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
मंचों पर उनकी उपस्थिति और व्यंग्य में गूढ़ संदेश देने की शैली उन्हें समकालीन कवियों में विशिष्ट बनाती थी। कवि मीर अली मीर ने भी उनकी आखिरी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि “अब ज्यादा कुछ नहीं करना” – ये शब्द शायद उनके जीवन के आखिरी भाव थे।