पंचायत चुनाव मतदान : नक्सल क्षेत्र में वोट डालने का दिखा जोश, 70 किमी दूर से आए वोट डालने

धुर नक्सल प्रभावित सेंड्रा इलाके के ग्रामीण मतदाता मतदान करने एक दिन पहले ही 70 किमी का पैदल व मोटरसाइकल से सफर तय कर अपने मत का प्रयोग

  • Written By:
  • Updated On - February 20, 2025 / 05:35 PM IST

       सरकार चुनने 70 किमी दूर से पहुंच रहे ग्रामीण, कोई पैदल तो कोई मोटरसाइकिल से करके आया सफर

रायपुर / धुर नक्सल प्रभावित सेंड्रा इलाके के ग्रामीण मतदाता मतदान(Rural voter turnout) करने एक दिन पहले ही 70 किमी का पैदल व मोटरसाइकल से सफर तय कर (Traveled 70 km on foot and motorcycle)अपने मत का प्रयोग करने ब्लॉक मुख्यालय भोपालपटनम में विस्थापित पोलिंग बूथों पर पहुंचे हैं।

नक्सल दहशत के कारण जहां प्रशासन पोलिंग बूथों को 70 किमी दूर ब्लाक मुख्यालय में विस्थापित कर रखा है। उस बिहड़ इलाके के मतदाता अपने मुखिया पर मुहर लगाने लम्बी दूरी तय कर भोपालपटनम पहुंच हैं। दो दशक बाद उन इलाकों में चुनाव के लिए सरपंच और जनपद सदस्य कि प्रतिस्पर्धा हो रही हैं।

प्रत्याशी नामांकन भरकर मैदान में खड़े हैं। इससे पहले वहां से सभी जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुनकर आते थे। सबसे बड़ी वजह यह भी होती है कि शासन प्रशासन की कोई भी योजना उस इलाके में नहीं पहुंच पाती है। चुनाव संपन्न कराने उस इलाके के लिए सिर्फ रस्म आदायगी बनकर रह गई है।

पोलिंग बूथों को ब्लॉक मुख्यालय में विस्थापित कर चुनाव की रस्म पूरी कर ली जाति है। कई वर्षो में पहली बार ऐसा हुआ है कि वहां से लोग बढ़-चढ़कर चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। केरपे, बड़ेकाकलेड, एडापल्ली, सेड्रा के चार पंचायतों के उम्मीदवार मैदान में हैं। इलाके के सरपंच पद के लिए 13 प्रत्याशी हैं। वहीं 22 पंच आवेदन भरकर चुनाव मैदान में खड़े हैं।

सेंड्रा बस्ती के लोग चुनेंगे नेशनल पार्क के सरपंच

2005 में सलवा जुडूम के दौर के बाद नेशनल पार्क इलाके के ग्रामीण बीजापुर, भोपालपटनम में आकर बस गए। तात्कालिक कलेक्टर आर प्रसन्ना ने 2009 में भोपालपटनम के नाकापारा के पास सेड्रा बस्ती को बसाया। वहां पर नेशनल पार्क सेड्रा बड़ेकाकडे और एडापल्ली के सैकड़ो ग्रामीण लोग बसे हुए हैं। यही ग्रामीण उस इलाके के सरपंच को चुनते हैं। क्युकी उन इलाकों के पोलिंग बूथों को ब्लॉक मुख्यालय में विस्थापित किया जाता है।

विस्थापित मतदान केंद्र

सेड्रा इलाके के छ: पोलिंग बूथों को विस्थापित किया गया हैं। सेड्रा पंचायत के दो पोलिंग बूथों को शा. कन्या स्कूल के कक्ष क्रमांक 1 भोपालपटनम में और शा.कन्या स्कूल कक्ष क्रमांक 2 भोपालपटनम में विस्थापित किया गया बड़ेकाकलेड पंचायत के बड़ेकाकलेड बूथ को कन्या स्कूल भोपालपटनम कक्ष क्रमांक 3 में विस्थापित किया गया हैं। पीलूर के बूथ को कन्या स्कूल कक्ष क्रमांक 4 में विस्थापित किया गया हैं। एडापल्ली पंचायत के एड़ापल्ली बूथ को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल के कक्ष क्रमांक 1 में विस्थापित किया गया है। पालसेगुंडी बूथ को आत्मानंद इंग्लिश स्कूल के कक्ष क्रमांक 2 में विस्थापित किया गया है।

9 फरवरी को हुई थी बड़ी मुठभेड़

आचार संहिता के बीच 9 फरवरी को टेकमेट्टा कि पहाडिय़ों में बड़ा एंकाउंटर हुआ था जिसमे जवानो ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। वहीं 2 जवान शहीद हुए और 2 घायल हुए थे। इलाके में दहशत के माहौल के बाद भी लोग निडर होकर अपने मत का प्रयोग करने बाहर निकल रहे हैं।

पत्नी और बच्चों के साथ मतदान करने पहुंचे संतोष

संतोष अपनी दंपती के साथ एक दिन पहले मोटरसाइकिल से मतदान करने पहुंचे है। सेंड्रा से संतोष गुरला पत्नी प्रियंका गुरला अपने दो बच्चों के साथ सुबह निकले। शाम होते-होते भोपालपटनम पहुचे। वहीं रमेश गोटा, वेंकटेश तलाड़ी भी मोटरसाइकिल से आए। उनके पहचान वाले नाकापारा के पास बसा सेंड्रा बस्ती में रहते हैं। उनके यहां रह कर रात गुजारकर आज सुबह मतदान करने पोलिंग बूथ पहुंचे है।

यह भी पढ़ें :  चुनाव से पहले नक्सलियों का खूनी खेल