पुलिसवालों ने बनाई आजाद जनता पार्टी!, सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

अब पुलिस परिवार आंदोलन (Police Family Movement) के नेता उज्जवल दीवान ने आजाद जनता पार्टी बना ली है। इनके अलावा कई पूर्व पुलिसकर्मियों ने उनकी

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  • Updated On - August 31, 2023 / 03:41 PM IST

रायपुर। अब पुलिस परिवार आंदोलन (Police Family Movement) के नेता उज्जवल दीवान ने आजाद जनता पार्टी बना ली है। इनके अलावा कई पूर्व पुलिसकर्मियों ने उनकी पार्टी जॉइन की है। इनमें से कुछ बर्खास्त हैं, कुछ ने इस्तीफा दे दिया है जो मंजूर नहीं हुआ है। ‘आजाद जनता पार्टी'(Azad Janata Party) के बैनर तले अब 90 विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने की तैयारी है। पार्टी में डॉक्टर, वकील और कई प्रोफेशनल्स भी जुड़ गए हैं।

आजाद जनता पार्टी के अध्यक्ष उज्ज्वल दीवान ने बताया कि वे लगातार पुलिसवालों के लिए लड़ते आए हैं, लेकिन अब उनका किसी भी पॉलिटिकल पार्टी पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए उन्होंने खुद की पार्टी खड़ी की है। राज्य के सभी पीड़ितों को न्याय दिलाना पार्टी का मकसद होगा। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बैठकें हो रही हैं और लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं।

उज्जवल दीवान के मुताबिक कई लोग फ्रंट में आए बिना भी उनको सहयोग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कई पीड़ित पुलिसकर्मी इस्तीफा देकर चुनाव लड़ेंगे। कुछ राज्यों को छोड़कर क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा देशभर में है और छत्तीसगढ़ में भी क्षेत्रीय पार्टी की मांग उठ रही थी, हालांकि इससे पहले अजीत जोगी और ताराचंद साहू ने भी अपनी पार्टी बनाई थी। लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं रही, इसलिए पार्टी चल नहीं पाई। उज्ज्वल का ये दावा है की उनकी पार्टी अच्छी तरह से रन करेगी।

गृहमंत्री के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

PHQ से निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल संजीव मिश्रा ने बताया जब उनका इस्तीफा मंजूर होगा तब वे गृहमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और अगर नहीं होता है तो गृह विभाग का पीड़ित सिपाही ताम्रध्वज साहू के खिलाफ और जेल विभाग का पीड़ित कॉन्स्टेबल संसदीय सचिव के खिलाफ चुनाव लड़ेगा।

2021 से दिया इस्तीफा अब तक नहीं हुआ मंजूर

उज्ज्वल दीवान इस वक्त धमतरी जिले में कॉन्स्टेबल के पद पर पोस्टेड हैं। उन्होंने साल 2021 में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जो अब तक मंजूर नहीं किया गया है। रिजाइन एक्सेप्ट होने के बाद ही वे चुनाव लड़ पाएंगे। उज्ज्वल दीवान इससे पहले पुलिस परिवार के आंदोलन का नेतृत्व कर चुके हैं। इस दौरान उनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हुए हैं।

पुरानी पार्टी को किया टेकओवर

संजीव मिश्रा ने बताया कि उन्होंने नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था लेकिन उसके नाम को लेकर आपत्ति के बाद पहले से रजिस्टर्ड आजाद जनता पार्टी को टेकओवर किया गया और अब ये नई पार्टी इसी के बैनर तले अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारेगी। उन्होंने अपनी एक लीगल टीम भी तैयार कर ली है, जो उनकी पार्टी से जुड़े लोगों के साथ ही पीड़ितों की समस्या सुलझाएगी।

प्रदेश में पुलिस कर्मचारियों की संख्या

जिला बल – 63000 नगर सेना – 12000 जेल विभाग – 1500 सहायक आरक्षक – 4000

पुलिस परिवारों की संख्या – लगभग 4 लाख 80 हजार

साल 2018 से इन मांगों को लेकर आंदोलन कर चुके हैं पुलिस परिवार

केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों के बराबर वेतन-भत्ते

फोर्स के आधार पर मकान का इंतजाम

पेट्रोल भत्ता देते हुए कम से कम 3000 रुपए दिया जाए

पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए।

ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि और परिवार के 1 सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए।

अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाए।

अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8 घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए।नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के बुलेट प्रूफ जैकेट और अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाएं

मध्य प्रदेश पुलिस की तरह वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाए

पुलिस जवान को उसके सेवाकाल में कम से कम तीन प्रमोशन अनिवार्य रूप से किए जाए

जवानों का ग्रेड-पे भी 2800 होना चाहिए

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