छत्तीसगढ़ में नक्सल सरेंडर पर सियासी संग्राम, दीपक बैज बोले– सरकार और नक्सलियों में हुई गुप्त डील

दीपक बैज ने सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा, “क्या सरकार और नक्सलियों के बीच कोई गोपनीय वार्ता हुई? क्या यह पूरा ऑपरेशन किसी बड़ी डील का हिस्सा था?”

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  • Publish Date - November 2, 2025 / 11:56 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में नक्सलियों (naxalites) के सरेंडर को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि नक्सलियों और सरकार के बीच गुप्त समझौता हुआ है. उन्होंने दावा किया कि इसी वजह से मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री जगदलपुर में मौजूद होने के बावजूद सरेंडर स्थल पर नहीं गए.

दीपक बैज ने सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा, “क्या सरकार और नक्सलियों के बीच कोई गोपनीय वार्ता हुई? क्या यह पूरा ऑपरेशन किसी बड़ी डील का हिस्सा था?” बैज ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और वापस लौट गए, जबकि सरेंडर स्थल पर नहीं पहुंचे. उन्होंने कहा, “क्या यह सिर्फ औपचारिकता थी?”

बैज ने नक्सली रुपेश उर्फ अभय के सरेंडर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वह बड़ा नक्सली चेहरा है, फिर भी उसे मीडिया के सामने क्यों नहीं लाया गया?

इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि दीपक बैज को नक्सलवाद की गंभीरता की समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा. साव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ही नक्सलवाद को पालने-पोसने का काम करती रही है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पांच साल तक कांग्रेस सरकार ने नक्सलियों को संरक्षण दिया.

नक्सल सरेंडर के इस प्रकरण ने छत्तीसगढ़ की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है, जहां अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.