Political Story : इस बार सत्ता की कुंजी ‘युवाओं’ के हाथ! BJP-कांग्रेस ‘लगाएगी’ दांव

By : madhukar dubey, Last Updated : August 29, 2023 | 2:26 pm

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) में इस बार युवाओं की अहमियत बढ़ गई है। क्योंकि जहां 48 लाख युवा पहले से वोटर (48 Lakh Youth Voters) हैं, वहीं 4 लाख 43 हजार युवा पहली बार वोट डालेंगे। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी की चुनावी रणनीति में युवा फोकस में हैं। कांग्रेस की भूपेश सरकार बेरोजगारी भत्ता सहित राजीव मितान याेजना से युवाओं को लुभाने में सफल दिख रही है। वहीं अभी बीजेपी के सिर्फ उनके लिए कुछ करने के वादे हैं। वैसे ये आने वाले के दिन ही पता चल पाएगा कि युवाओं को मूवमेंट किस ओर जाता है। अगर देखा जाए तो युवाओं का पूरी तरह से एक पार्टी की ओर ध्रुवीकरण तो नहीं हो सकता है। क्योंकि मसलन जैसे बेरोजगारी भत्ता तो भूपेश सरकार ने दिया है। जिनकी संख्या एक लाख भी नहीं पहुंच रही है। इसके पीछे कारण है कि आय की सीमा निर्धारित की गई है।

  •  ये है कि अगर 3 से 4 लाख रुपए सलाना आय की सीमा के परिवार वालों को भी बेरोजगारों को भत्ता मिलता तो ऐसे में जाहिर है कि आधे से अधिक युवाओं को कांग्रेस की ध्रुवीकरण हो सकता है। क्योंकि इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर वार किया है कि बेरोजगारी भत्ता पाने की सलाना आय की सीमा कम से कम 4 से 5 लाख रुपए रखनी थी। ऐसे में करीब 35 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का लाभ मिलता। इधर, कथा कथित पीएससी परीक्षा के परिणाम में परिवारवाद का आरोप बीजेपी ने कांग्रेस पर मढ़े। कहने का तात्पर्य है कि बीजेपी पास अभी युवाओं के लुभावने वादों के अलावा कुछ नहीं है। लेकिन कांग्रेस ने युवाओं पर चुनाव से 2 साल पहले ही काम करना शुरू कर दिया था। इसी वजह है कि युवा वोटर ही किसी भी पार्टी की लहर बनाते हैं।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ दौरे पर इसकी वजह युवा वोटर हैं

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दौरे पर आ रहे हैं। वे यहां आयोजित युवा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। जिसे देखते हुए सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की नजर यूथ वोट बैंक पर हैं। माना जाता है कि युवा मतदाता प्रदेश में किसी भी पार्टी की जीत-हार का गणित बदल सकते हैं। प्रदेश में करीब 48 लाख ऐसे यूथ वोटर्स हैं, जिनकी उम्र 18 से 29 साल के बीच है। इनमें फर्स्ट टाइम वोट करने वाले यूथ की संख्या लगभग 4 लाख 43 हजार है। इसलिए दोनों ही पार्टियां यूथ पर फोकस कर रही हैं। युवाओं का दिल जीतने की पूरी कोशिश की जा रही हैं। रायपुर में होने वाली राहुल गांधी की सभा भी इसी रणनीति का हिस्सा है।

युवाओं पर फोकस करने की वजह फैक्ट फाइल के साथ

प्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या – 1.97 करोड़

पुरूष मतदाता – 98.2 लाख

महिला मतदाता – 98.5 लाख

दिव्यांग – 1.47 लाख

थर्ड जेंडर – 762 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

फर्स्ट टाइम वोटर्स – 4 लाख 43 हजार

18 से 29 साल के बीच वोटर्स – लगभग 48 लाख

युवाओं को लेकर कांग्रेस के दावे

घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ते के वादे को पूरा किया 1 लाख 22 हजार 625 युवाओं के खाते में पिछले पिछले 4 महीनों में लगभग 112 करोड़ रुपए से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता जारी किया है।

प्रदेश भर में 13269 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया गया। क्लब को सालाना 1 लाख रू. तक अनुदान दिया जा रहा है।

चुनावी साल में सरकार ने पीएससी, शिक्षक, फॉरेस्ट गार्ड, पुलिस जैसे कई विभागों में बंपर भर्तियां निकाली है।

शैक्षणिक स्तर पर हुनर की जानकारी लेकर प्रशिक्षण दिला रही सरकार

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या इससे पहले छत्तीसगढ़ दौरा कर युवाओं के लिए कई घोषणाएं की थी।

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या इससे पहले छत्तीसगढ़ दौरा कर युवाओं के लिए कई घोषणाएं की थी।

  • युवाओं को लेकर बीजेपी की दावे

  • बीजेपी सांसद और नेता युवाओं से संवाद कर रहे हैं और मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियां बता रहे हैं।
  • पीएससी भर्ती में कथित गड़बड़ी को लेकर भाजयुमो बड़ा आंदोलन कर चुकी है। इसके अलावा अन्य भर्तियों में भी भ्रष्टाचार के आरोप बीजेपी लगा रही है।
  • बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी बीजेपी सवाल उठा रही है, बीजेपी नेताओं का कहना है कि 10 लाख युवाओं को भत्ता मिलना चाहिए था लेकिन नियम इतने जटिल बनाए की कई युवा भत्ते से वंचित रह गए।

चुनाव से पहले ही बीजेपी ने कर दिए ये बड़े ऐलान

जितनी परीक्षाओं में गड़बड़ी हुई है सभी को रद्द करके फिर से परीक्षा करवाएंगे।

हर प्रतिभागी की आंसर शीट को ऑनलाइन कार्बन कॉपी उपलब्ध कराएंगे। 100 प्रतिशत पारदर्शिता होगी।

पीएससी के हर एग्जाम सेंटर में परीक्षा के दौरान वीडियो ग्राफी करवाई जाएगी।

यूपीएससी और पीएससी के एग्जाम में कई बार तारीख का क्लेश होता है भाजपा की सरकार आने के बाद दोनों परीक्षाओं में आसानी से प्रतिभागी भाग ले सकें इस तरह का कैलेंडर तैयार करेंगे।

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