अमानक बारदाना पर सियासी घमासान : चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र
By : madhukar dubey, Last Updated : December 12, 2024 | 5:44 pm
रायपुर, 11 दिसंबर 2024/ छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन (Paddy procurement at support price)योजनान्तर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान उपार्जन के लिये श्री गौरी शंकर जुट मिल पश्चिम बंगाल से क्रय किये गये बरदाने को अमानक(Non-standard to Bardane) बताते हुए कहा कि, धान खरीदी का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। दिनांक 05 दिसंबर 2024 को मैंने जिला बलौदाबाजार-भाटापार के धान खरीदी केंद्र तरेंगा का निरीक्षण किया था। इस धान खरीदी केंद्र पर जो जूट का नया बारदाना उपयोग में लाया जा रहा था उनमें से अनेक का वजन करवाने पर यह पाया गया की प्रत्येक बारदाने का अधिकतम वजन 480 ग्राम था। भारत सरकार के द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार नए जुट बारदानों का औसत न्यूनतम वजन 580 ग्राम होना चाहिए इस वजन में विचलन + 8 प्रतिशत एवं – 6 प्रतिशत मान्य है अर्थात 626 ग्राम से अधिक वजन वाले तथा 545 ग्राम से कम वजन वाले बारदाने अमानक माने जाएंगे और अमानक बारदानों का उपयोग धान अथवा चावल के लिए नहीं किया जा सकता।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि. धान खरीदी केंद्र तरेंगा में जिन बारदानों का वजन कम पाया गया है वे सभी श्री गौरीशंकर जूट मिल पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित किये गये थे इस मिल के बारदाने अन्य अनेक धान खरीदी केन्द्रो पर भी भेजे गए होंगे। नए बारदानों के गुणवत्ता की जांच तीन स्तरों पर की जाती है (1) जुट मिल स्तर पर (2) जुट कमिश्नर (3) भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में रैक पॉइंट पर विपण़न संघ द्वारा तथा धान खरीदी केंद्र पर केंद्र प्रभारी द्वारा। परन्तु यह आश्चर्यजनक है की सभी स्तरों पर बारदानों के अमानक होने के तथ्य की उपेक्षा की जाती रही। यह एक गंभीर मामला है। बारदानों के कम वजन के कारण किसानों का धान भी अधिक लिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि, इस गंभीर मामले पर त्वरित रूप से भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के लिए खाद्य मंत्री तथा सहकारिता मंत्री को निर्देशित करें।
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