नशे की लत छोड़ो बाबूजी, सुनकर आखिर क्यों चौंक उठे लोग
By : hashtagu, Last Updated : November 5, 2022 | 7:23 pm
रायपुर। आदिवासी बाहुल्य इस प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या पूरे देश में अधिक है। यही कारण है कि लोग शराब के नशे के अलावा अन्य नशे के आदी होकर अपना घर बर्बाद कर देते हैं। ये यहां सबसे बड़ी विसंगति है। लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों में नशा छोड़ने की भी की ओर बढ़ रहे हैं। बहरहाल, अभी इसके और प्रयास किए जाने हैं। यहां समाज कल्याण विभाग की ओर से नशा छोड़ने के लिए संगठनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी अभियान चलाया जा रहा है। इसकी एक बानगी राजधानी के साइंस कालेज के मैदान पर आयोजित राज्योत्सव में दिखी। जहां इसके स्टॉल पर नाटक और गाने के माध्यम से नशे को छोड़ने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। जब वे गाते हैं कि राज्योत्सव देखने आए लोगों के पैर नशे की लत छोड़ो बाबूजी…..नशा खराब चीज है, सुनकर एक बारगी ठिठक जाते हैं।
कला पथक दल के कलाकारों ने मनोरंजकपूर्ण तरीके से नशा छोड़ों की अपील
समाज कल्याण विभाग के स्टॉल में कला पथक दल के कलाकारों द्वारा किये जा रहे मनोरंजक ढंग से किये जा रहे अनुरोध को सुनकर स्कूली बच्चों, महिलाओं से लेकर बड़े-बूढ़े तक एक बारगी बात सुनने ठहर जाते हैं। ये कलाकार गा-बजाकर और अपने रोचक अभिनय से सहज ही लोगों को नशे के दुष्परिणाम बता रहे हैं। इसे बच्चों से लेकर बड़ों तक खूब पसंद किया जा रहा है।
समाज कल्याण मंत्री पहुंची निरीक्षण करने
समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया भी स्टॉल निरीक्षण में पहुंची और उन्होंने कलाकारों की हौसला अफजाई की। बता दें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शराब व्यसन मुक्ति अभियान के अंतर्गत 2060 भारत माता वाहिनी गठित की गई है और 7 नशा मुक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। भारत माता विहिनी के माध्यम से गांव-गांव में प्रचार-प्रसार कर लोगों को व्यसन मुक्त स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित किया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग के इन कलाकारों ने बांधा समां
मुख्य कलाकार संतोष चंद्राकर के साथ रमेश कुमार ठाकुर,संदीप कुलदीप और दुर्याधन साहू समाज कल्याण विभाग की बुजुर्गों, दिव्यांगों और तृतीय लिंग के समुदाय के सदस्यों के लिए संचालित योजनाओं को रोचक ढंग से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। चंद्राकर ने बताया कि लगभग 33 वर्षों से वह लोगों के बीच योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। रोचक और मनोरंजक ढंग से बात कहने से लोगों के अंदर कब सीख चली जाती है। उन्हें पता भी नहीं चलता और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। वे लोग नशाबंदी के खिलाफ प्रचार करतेे हैं, और स्वस्थ जीवन चर्या के लिए लोगों से योग को अपनाने की अपील करते हैं। वे लोगों को बताते हैं कि समाज कल्याण विभाग द्वारा नशामुक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां जाकर एक महीने में नशे की लत छोड़ सकते हैं।