‘ED के दुरुपयोग’ पर ‘रमन’ का पलटवार!, जड़े ‘गंभीर’ आरोप

By : madhukar dubey, Last Updated : February 20, 2023 | 7:38 pm

छत्तीसगढ़। ED की छापेमारी ने सियासत में जबरदस्त इंट्री मारी है। आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी कांग्रेस और BJP ने एक-दूसरे पर लगा दी है। ईडी पर हो रही सियासी जंग सुबह छापेमारी से शुरू हुई तो शाम तक बयानों के समंदर में पूरी सियासत तैरती नजर आई। कांग्रेस ने जहां इसे दो बिंदुओं पर बीजेपी पर हमला बोला। एक राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से डरने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए ईडी की कार्रवाई को बताया। साथ ही इसके दुरुपयोग करने के आरोप बीजेपी पर जड़े। पूरे दिन चले सियासी झंझावतों के बीच कांग्रेस और बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेस किए। जहां दोनों ने एक दूसरे पर वार-पलटवार किया।

इसी कड़ी में भाजपा की प्रेस कांफ्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री (Raman Singh) रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए आगे आए। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर हमला बोला। भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह , प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस वार्ता में भाजपा का पक्ष रखते हुए कहा कि ED ने कुछ स्थानों पर रेड की है। जिसको मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी ने रेड को राष्ट्रीय अधिवेशन से जोड़ा है। जबकि रेड का कारण भाजपा या अधिवेशन नहीं है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि ईडी की कार्रवाई को लेकर कह रहे है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा डर गई है। रमन सिंह ने कहा, जो यात्रा छत्तीसगढ़ से ही नहीं गुजरी उससे क्या डर।

प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, ईडी के छापेमार के जिम्मेदार खुद सीएम हैं

अरुण साव ने कहा कि पहले जब रेड पड़ी तो कहा जाता था कि कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के लिए रेड हो रही है। अब कह रहे है कि अधिवेशन प्रभावित करने के लिए रेड हो रही है। अरुण साव ने कहा कि इस रेड का कारण खुद मुख्यमंत्री है। यह जो रेड है वह पहले कि कार्रवाइयों में मील साक्ष्यों के आधार पर हुई है। पहले जो ईडी के चालान कोर्ट में पेश किए गए है, उसी आधार पर यह कार्रवाई हो रही है। ईडी तथ्यों और। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई कर रही है। पहले भी सरकार के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। अधिकारियों के पास से संपत्ति मिली है। ईडी के चार्जशीट चालान को झुठलाया नहीं जा सकता। कहा, आज सरकार गरीबों के साथ नही है बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के साथ खड़ी है।

रमन सिंह ने कसे तंज, बोले, जवानों की शहादत पर कुछ नहीं कहा

पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने भी ईडी की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। डॉ रमन सिंह ने कहा, मैं इस घटना के संदर्भ में सरकार की तत्परता देख रहा हूं। प्रेस कांफ्रेंस में सरकार के 9 से ज्यादा मंत्री , प्रदेश की प्रभारी मौजूद थे। दिल्ली के नेताओं को मैदान में उतार दिया। इसके बाद भी राजनांदगांव जिले में दो जवानों की हत्या पर दो शब्द भी नही कहे गए। इतने जिम्मेदार लोग थे, तब भी जवानों की शहादत पर कुछ नहीं कहा गया।

कहा, यहां पत्रकारों के साथ सरकार ने क्या किया सब जानते हैं

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा मीडिया के बारे में कहा जा रहा है कि मीडिया की आवाज दबाई जा रही है। जबकि इस सरकार ने छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के साथ क्या किया है, यह सब जानते है। पत्रकारों के बारे में इनको बोलना चाहिए। लेकिन सभी डर की वजह से चुप्पी साधे हैं।

रमन ने कुमारी सैलजा को भी घेरा, एक नाबालिग सड़क पर घसीटी गई पर कुछ नहीं बोलीं

रमन सिंह ने कहा, कुमारी सैलजा जी सीनियर है, उसके बाद भी रायपुर की सड़क पर एक नवालिग को सड़क पर बाल पकड़कर घुमाया गया उस पर भी कोई बयान नहीं दिया। पूर्व सीएम ने कहा अधिवेशन के पहले ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे है। जब 4 साल से सरकार और नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं।

भूपेश पर कसे तंज, कहे क्या ईडी नहीं तो क्या भारत रत्न का न्योता आएगा

कोयला घोटाला 4 साल से चल रहा है। इसके बाद कार्रवाई के लिए ईडी नहीं आएगी तो क्या भारत रत्न का न्योता आयेगा। मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता करके ईडी की जगह नान घोटाले के तरफ मामला डायवर्ट किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सीएम सर ओऱ सीएम सर के आरोप पर पूर्व सीएम ने कहा कि भूपेश बघेल के अधिकारी ने ही कोर्ट में सीएम मैडम को चिंतामणि मैडम के नाम से पहचान की है यह सबको पता है। फिर भी मुख्यमंत्री जोर जोर से झूठ बोल रहे है। झीरम घाटी की जांच पर भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन ने सरकार और कांग्रेस को घेरा है।

कहा पहले कहते थे झीरम के सबूत हमारे पास है। NIA की जांच पर भरोसा नही था,लेकिन अब नारायणपुर की घटना पर खुद NIA जांच की मांग कर रहे है। यह कैसा दोहरा चरित्र है, ईडी की कार्रवाई से अधिवेशन प्रभावित नहीं होगा बल्कि जिन लोगों पर कार्रवाई हुई है वे प्रभावित होगी।

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