रमन बोले, ‘शराबबंदी’ पर बहनें लेंगीं कांग्रेस से बदला!
By : madhukar dubey, Last Updated : April 15, 2023 | 4:13 pm
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि, साढ़े 4 साल की भूपेश सरकार को चुनाव से चंद महीने पहले आखिर क्यों भरोसा सम्मेलन करना पड़ा? क्यों प्रियंका गांधी को बस्तर की जमीन पर लाया? उन्होंने कहा कि, सरकार जानती है यहां की जनता का कांग्रेस से भरोसा उठ गया है।
रमन सिंह ने कहा , CM भूपेश बघेल ED की प्रक्रिया नहीं जानते हैं। इसलिए कुछ भी कहते हैं। प्रियंका के भाषण के दौरान टीएस सिंहदेव के मंच से उठकर चले जाने वाले सवाल पर कहा कि बाबा की महिमा वे ही जाने। उन्होंने कहा कि, जब भी विकास की बात होती है सरकार सिर्फ नरवा-बाड़ी योजना और गोठान की बात कहती है। लेकिन, इसमें भी कोई काम नहीं हुआ है। सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है।
दरअसल, रमन सिंह पिछले 2 दिनों से बस्तर में ही डेरा जमाए हुए हैं। शनिवार को भाजपा कार्यालय में उन्होंने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि, एक समय छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक BJP की सरकार रही, लेकिन अब 15 सीटें भी नहीं बची है। चुनावी साल है चुनाव कैसे जीतेंगे? इसका जवाब देते रमन सिंह ने कहा कि, इस बार परिवर्त होना निश्चित है। CM के लव-जेहाद वाले बयान पर कहा कि मैं इन सवालों का जवाब देना उचित नहीं समझता।
नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद
रमन सिंह ने कहा, जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। यही वजह है कि नक्सली जंगल छोड़कर अब मैदानी इलाकों तक पहुंच चुके हैं। जवानों को सरकार आक्रमण करने नहीं दे रही। फोर्स को आगे बढ़ने नहीं दे रही है। इसलिए नक्सलियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सरकार नक्सकियों को बैकफुट पर ढकेलने में असफल रही है।
👉 भाजपा के डेढ़ दशक के शासनकाल में
• तेंदुपत्ता खरीदी – 17 लाख मानक बोरा (2017)
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• तेंदुपत्ता खरीदी – 13 लाख मानक बोरा (2021)
• बोनस – ₹110 करोड़ pic.twitter.com/V63PDXMfBc— Dr Raman Singh (@drramansingh) April 15, 2023
यही वजह है कि बस्तर में एक बार फिर से नक्सलियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में 4 भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है। पूरा बस्तर नक्सलवाद से जकड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब CG में BJP की सरकार थी तो उस समय ऑपरेशन भी बहुत होते थे। कई कैंप भी बिठाए गए थे। जब तक अंदर जाएंगे नहीं, लड़ेंगे नहीं तब तक घर बैठे नक्सल समस्या का समाधान नहीं होगा।