छत्तीसगढ़। आरक्षण को लेकर मची रार थमने का नाम नहीं ले रही है। बड़ी खबर सामने आ रही है कि आरक्षण मामले में (Governor’s Secretariat) राज्यपाल सचिवालय की ओर से दायर याचिका मामले में सुनवाई पूरी हुई। इस फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है। दायर याचिका में हाईकोर्ट (High Court) द्वारा राजभवन को भेजे गए नोटिस की संवैधानिकता पर अब सवाल उठाते हुए नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
राज्यपाल सचिवालय ने हाईकोर्ट की नोटिस को चुनौती दी है। जिसमें कहा है कि आर्टिकल 361 के तहत किसी भी केस में राष्ट्रपति या राज्यपाल को पक्षकार नहीं बनाया जा सकता। गुरुवार को इस मामले में अंतरिम राहत पर बहस के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। प्रकरण में हाईकोर्ट की नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई है।
बता दें, हाईकोर्ट ने राजभवन को नोटिस का जवाब देने को कहा था। इसके पीछे कारण है कि आरक्षण बिल विधानसभा में पारित होने के बाद राजभवन में अटका हुआ था। राज्यपाल ने 10 सावल भेजे थे, जिसका जवाब मिलने के बाद भी बिल पर साइन नहीं की थी। जिसे लेकर सियासी गलियारों में घमासान भी मचा हुआ है।