रेरा की नई गाइड लाइन जारी, अब 500 वर्ग मीटर से अधिक एरिया के लिए ये जरूरी

By : hashtagu, Last Updated : November 13, 2024 | 8:14 pm

रायपुर। देश की विकास की बढ़ती रफ्तार के साथ-साथ रियल स्टेट सेक्टर में भी तीव्र गति से प्रगति हो रही है। छत्तीसगढ़ देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां इस सेक्टर के विकास के लिए बहुत संभावनाएं है। छत्तीसगढ़ में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन वर्ष 2017 ((RERA) formed in the year 2017)में किया गया था। तब से लगातार रेरा द्वारा इस सेक्टर के विनियमन एवं विकास हेतु प्रयास(Efforts for regulation and development) किया जा रहा है। अधिनियम के प्रावधान अनुसार किसी भी बिल्डर को विक्रय के लिए 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र विकसित करने अथवा आठ से अधिक अपार्टमेंट निर्माण करने से पहले रेरा में रजिस्टर्ड किया जाना आवश्यक है। अभी तक कुल 1848 प्रोजेक्ट पंजीकृत हो चुके है।

रेरा के मुताबिक पंजीकृत प्रोजेक्ट्स में घर अथवा भू-खंड खरीदने से केता को कॉमन एरिया की सुविधाएं जैसे पार्क, जल, स्वच्छता, प्ले ग्राउंड जैसी प्रोजेक्ट में उल्लेखित सुविधाएं सुगमता से प्राप्त होती है। हाल ही में भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कॉमन एरिया पंजीयन के लिए निर्धारित शुल्क में कमी किए जाने का उदाहरण देते हुए अन्य राज्यों/ केन्द्रशासित प्रदेशों में भी ऐसा प्रावधान करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा परियोजनाओं में सामान्य क्षेत्र (कॉमन एरिया) को बिल्डर द्वारा रहवासी सोसायटी के पक्ष में हस्तांतरण के लिए शुल्क में कमी करते हुए स्टाम्प शुल्क केवल दस हजार रुपए तथा पंजीयन शुल्क केवल पांच हजार रुपए प्रावधानित किया गया है। जिससे कि आम नागरिकों को वित्तीय बोझ नहीं हो तथा कॉलोनी का प्रभार रहवासी सोसायटी को सुगमता पूर्वक हस्तांतरित किया जा सके। छ.ग. रेरा द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रोजेक्ट का पंजीयन किया जा रहा है। अभी तक कुल 1848 प्रोजेक्ट पंजीकृत हो चुके है। प्रोजेक्ट की संपूर्ण जानकारी छ.ग. रेरा के पोर्टल में आसानी से उपलब्ध है।

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