महारैली में गूंजेगा ‘आरक्षण’ का मुद्दा, जानें, मरकाम ने किसे भेजा ‘खत’
By : madhukar dubey, Last Updated : December 29, 2022 | 4:05 pm
इसके लिए कांग्रेस की पूरी रणनीति तैयार हो चुकी है। उनका कहन है कि आरक्षण को लेकर जिस तरह से भाजपा ने राजभवन के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से विरोध कर रही है। उनके इशारे पर ही राजभवन काम कर रहा है।
गौरतलब है कि यहां आरक्षण बिल विधानसभा में पारित होने के बाद राजभवन में रूका हुआ है। जबकि राज्यपाल ने आरक्ष्ण बिल को लेकर 10 सवालों की सूची सरकार को भेजा था। जिसका जवाब भी भूपेश सरकार ने दे दिया। इसके बावजूद अभी तक बिल पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। अब उनका कहना है कि वे विधिक सलाहकार से पूछ रही है।
जिस पर हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, इनके विधिक सलाहकार क्या विधानसभा से बड़े हो गए है। उन्होंने दलील दी थी, आरक्षण बिल में आदिवासियों को जो हक मिलना था, वह शामिल करते हुए 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। कहा था, आरक्षण में सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए आरक्षण बिल पारित कराना कोई गलत है। राज्यपाल भाजपा के इशारे पर रोकना चाह रही है। जवाब देने का कोई संवैधानिक प्रावधान ही नहीं है, इसके बावजूद जवाब दिया। लेकिन इसके बावजूद हस्ताक्षर नहीं करना गलत है।