रायपुर। सदन में जंगल सफारी (Jungle safari) में हुए वन्य जीवों की मौत के सवाल के जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप (Forest Minister Kedar Kashyap) घिर गए। छत्तीसगढ़ में 13 महीने में 74 वन्य प्राणियों की मौत हुई है। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों पर सरकार ने कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया। सिर्फ शो कॉज नोटिस दिया गया है। बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश ने जंगल सफारी में जानवरों की मौत पर सवाल पूछा। जिस पर सरकार ने जवाब दिया है।
दरअसल, प्रश्नकाल में शेषराज हरबंश ने सवाल किया कि कितने वन्य प्राणियों की मौत हुई। उन्होंने पूछा कि ऐसी घटनाओं को रोकने को सरकार कर क्या रही है। मैं मौतों का कारण जानना चाहूंगी।
जवाब देते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 74 मौत की जो हमने जानकारी दी है। उसमें किसी की उम्र ज्यादा हो गई थी। किसी के आपसी फाइटिंग के कारण मौत हुई है। कुछ मौतें वायरस से भी हुई हैं। पिछले तीन-चार सालों में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ा है। हम इसकी भी जानकारी ले रहे हैं। जानवरों की सही देखभाल और इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
जंगल सफारी में किस डॉक्टर की ड्यूटी है पूछे जाने पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वहां डॉ राकेश वर्मा और सोनम मिश्रा की ड्यूटी है। इन्हें शो कॉज नोटिस दिया है। विधायक हरबंश ने कहा कि राकेश वर्मा तो सेवा में लापरवाही की वजह से निलंबित भी रह चुके हैं।
यह सुनते ही डॉ रमन सिंह ने कहा कि ऐसे निलंबित डॉक्टर को वहां क्यों भेज रहे हैं, जो तीन साल निलंबित है। ऐसे डॉक्टर को भेजने से इस प्रकार से वन प्राणियों पर संकट बना रहेगा। दूसरे अच्छे डॉक्टर को भेजिए। केदार कश्यप ने हामी भरी।
कांग्रेस विधायक ने फिर पूछा कि 58 जानवरों को समय पर इलाज देकर बचाया जा सकता था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो सका। इस पर क्या कार्रवाई हुई। मंत्री कश्यप ने कहा कि हमने तीन अधिकारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है। हमने तय किया है कि सेंट्रल जू अथॉरिटी के जरिए इसकी जांच कराएंगे।
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