शेरा की बहादुरी को सलाम : तेंदुआ से लड़कर बचाई बच्चे की जान
By : hashtagu, Last Updated : October 2, 2024 | 7:06 pm
कांकेर। कुत्ते से बड़ा वफादार दूजा कोई भी जानवर नहीं है। जिसे सच साबित करते हुए कांकेर जिले में शेरा(Shera) के नाम से एक पालतू कुत्ते ने अपनी बहादुरी और संवेदनाओं की मिसाल कायम कर दी है। उसने बड़े ही हैरतअंगेज ढंग से एक तेंदुए से लड़कर मासूम की जान बचाई है, जिसकी चर्चा अब जिले ही नहीं पूरे देश में होने लगी है। दरअसल, कांकेर के दुधावा में इस वक्त एक तेंदुआ(panther) जंगल से बस्ती की ओर रूख कर लिया है। एक व्यक्ति को मारने के बाद तेंदुआ आदमखोर हो चुका है। ऐसे में वह सूनसान जगहों पर लोगों पर अचानक जानलेवा हमला कर देता है। अभी तक तेंदुआ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। तेंदुए के खौफ के चलते लोग शाम ढलते ही अपने घरों में कैद हो जाते हैं। रातभर लोग मशाल जलाकर गांव की रखवाली कर रहे हैं।
तेंदुआ ने बच्चे की गर्दन जबड़े में पकड़कर भागा, फिर शेरा ने पीछा
प्रत्यदर्शियों के मुताबिक दुधावा में एक अक्टूबर की दोपहर का वक्ता था। गांव में सबकुछ सामान्य था। शाम करीब 6 बजे गांव में तेंदुआ के घूमने की सूचना पर हड़कंप और चीख पुकार गूंज उठी, सभी एक-दूसरे को अपने-अपने घरों में कैद हो जाने के लिए चिल्ला-चिल्लाकर तेंदुआ आने की सूचना देने लगे। ऐसे में सभी घरों के बाहर खेल रहे बच्चों को लेकर भागे। इस माहौल के बीच 11 वर्षीय नीरज अपने चाचा के साथ घर जाने लगा। लेकिन घर से 100 मीटर दूर ही तेंदुआ सामने आ गया, उसने अचानक नीरज पर टूट पड़ा और उसकी गर्दन को जबड़े में दबोच लिया। अपने भतीजे को मौत के मुंह में जाते देख घबड़ाए चाचा ने अपने पालतू कुत्ते शेरा को चीखकर आवाज लगाई। फिर क्या था, शेरा बड़ी फुर्ती के साथ घर से निकला और तेंदुआ के पीछे भागा। उसके बाद शेरा ने लपकर हवा में उछल मारते हुए तेंदुआ की पूंछ को अपने मुंह में दबोच लिया और जूझ पड़ा तेंदुआ से। शेरा के खतरनाक अंदाज में हमले के आगे तेंदुआ ने नीरज को छोड़ दिया और शेरा से भिड़ गया लेकिन फुर्ती के साथ तेंदुआ के वार से बचते हुए उसने कई पलटवार किए। आखिरकार, तेंदुआ शेरा की बहादुरी के आगे भाग खड़ा हुआ। और नीरज को आनन-फानन अस्पताल पहुंचाया जहां हालत ठीक बताई जा रही है।
अपनी बहादुरी से शेरा ने जीत लिया सबका दिल
शेरा की बहादुरी को देखकर गांव के लोगों का दिल जीता लिया है। उसे देखने के लिए अब दूर दराज से लोग गांव में आने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शेरा नीरज के लिए किसी देवदूत से कम नहीं है।
एक बच्चे की हो चुकी मौत
बता दें, इस घटना से पहले इलाके में तेंदुआ तीन बच्चों पर हमला कर चुका है। उसके हमले में दो बच्चों की हालत गंभीर है. जबकि, एक बच्चे की मौत हो चुकी है। अब गांववाले दहशत में हैं। उन्होंने शाम और रात के वक्त घरों से निकलना बंद कर दिया है खासकर, बच्चों को घर में ही रखा जा रहा है। गांववालों का आरोप है कि पता होने के बाद भी वन विभाग की टीम तेंदुए को पकडऩे की कोशिश ही नहीं कर रही। हालांकि, अधिकारी दावा कर रहे हैं कि तेंदुए को जल्द पकड़ लिया जाएगा. इसके लिए वन विभाग ने रायपुर से एक्सपर्ट की टीम कांकेर भेजी है।