रायपुर। पश्चिम बंगाल पंचायत हिंसा (West Bengal Panchayat Violence) में मारे गए लोगों के प्रकरण की जांच के लिए एक जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें 5 बीजेपी के सांसद हैं, जो घटना स्थल का दौरा करेंगे। और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगे। इस जांच कमेटी टीम की संयोजक राज्य सभा सांसद सरोज पांडे (Convener Rajya Sabha MP Saroj Pandey) होंगी। यह समिति पश्चिम बंगाल के हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगी और खासतौर पर महिलाओं से बातचीत करेगी। महिला संबंधी हिंसा की पड़ताल करेगी। इसके बाद जल्द से जल्द यह समिति अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी।
जांच दल गठित किए जाने का आदेश सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने जारी किया। इस दल में देश के अलग-अलग हिस्सों की 5 सांसद भी शामिल हैं, जिनमें सांसद रमा देवी, अपराजिता सारंगी, कविता पाटीदार और संध्या राय को इस दल में शामिल किया गया है।
पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव से ठीक पहले राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में एक राजनीतिक झड़प में घायल हुए 61 वर्षीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य राजनीतिक गुटों के बीच हिंसा हुई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मोस्लेम नाम के व्यक्ति की मौत के साथ आठ जून को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से पंचायत चुनाव से संबंधित हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। जान गंवाने वालों में अधिकतर लोग टीएमसी से जुड़े थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीतिक हिंसा की इस संस्कृति को रोकने में विफल रही हैं।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, टीएमसी ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में सभी 20 जिला परिषद के साथ-साथ कुल 928 सीटों में से 880 पर जीत हासिल की, जबकि पार्टी बीजेपी ने 31 सीटें जीतीं। कांग्रेस- लेफ्ट गठबंधन ने 15 और अन्य ने दो सीट अपने नाम की। ग्राम पंचायत की कुल 63,219 सीटों में से 35,000 पर टीएमसी ने जीत दर्ज की। बीजेपी ने 10,000 और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने 6000 सीटें जीतीं।
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