गृहमंत्री के बंगले जमे पर एसआई भर्ती के अभ्यर्थी, रिजल्ट की ये है पूरी स्टोरी

गृह मंत्री के आश्वासन के बाद भी छत्तीसगढ़ एसआई भर्ती के परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल

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  • Updated On - October 17, 2024 / 05:06 PM IST

रायपुर। गृह मंत्री के आश्वासन के बाद भी छत्तीसगढ़ एसआई भर्ती(SI Recruitment) के परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों(Angry candidates) ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। अपनी मांगों को लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा के बंगले पर बुधवार से पहुंचे अभ्यर्थियों ने बंगले में ही रात गुजारी. इस दौरान गृहमंत्री ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की। जहां उन्होंने फिर से 15 दिनों का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का भी निर्देश आया है, आदेश का पालन किया जाएगा। आश्वासन मिलने के बाद भी अभ्यर्थी अपने घर जाने को तैयार नहीं हैं वे गृह मंत्री के बंगले में डेरा जमाए हुए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस बार वे रिजल्ट लेकर ही जाएंगे।
बता दें कि 20 सितंबर को भी अभ्यर्थी अपने परिवारों के साथ गृह मंत्री के बंगले के बाहर धरने पर बैठे थे, जिसके बाद आधी रात को गृह मंत्री ने उनसे मुलाकात कर 2 हफ्तों में रिजल्ट जारी करने का वादा किया था। लेकिन 25 दिन बीतने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है। अब अभ्यर्थी बुधवार सुबह से गृह मंत्री के निवास पर डटे हुए हैं। भर्ती के अभ्यर्थियों ने पहले भी कई प्रकार से अपनी मांगें उठाई हैं, जिनमें आमरण अनशन, मुंडन संस्कार, स्वच्छता अभियान और रक्तदान जैसे आंदोलन शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने सरकार को 15 दिनों में एसआई भर्ती के परीक्षा परिणाम जारी करने के दिए निर्देश

16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अगले 15 दिनों के भीतर परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है. यह मामला अक्टूबर 2021 में निकले 975 पदों के विज्ञापन से जुड़ा हुआ है। इसके बाद से अभ्यर्थी लगातार परिणाम का इंतजार कर रहे थे. हाईकोर्ट जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच ने अब इस पर अपना निर्णय सुनाते हुए सरकार से जल्द से जल्द रिजल्ट जारी करने को कहा है। अब उम्मीद है कि अभ्यर्थियों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात मिल सकती है।

2018 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया

बता दें, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार के दौरान साल 2018 के अगस्त महीने में कुल 655 पदों के लिए स्ढ्ढ भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी। 2019 में सरकार भी बदल गई लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई। इसके बाद राज्य की नई सरकार (कांग्रेस) ने साल 2021 के अक्टूबर में 975 पोस्ट के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया था।

कांग्रेस सरकार में दूसरी बार शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया

एसआई भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली. इस दौरान शारीरिक नापजोख जून-जुलाई 2022 में हुआ, प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई। जबकि मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 से 30 जुलाई 2023 के बीच आयोजित की गई, और अंत में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच लिया गया। परीक्षा को पूरा हुए 1 साल से अधिक हो गया, इस बीच एक बार फिर सरकार बदल गई. 2023 में भाजपा ने फिर से सरकार बनाई, लेकिन अब तक परीक्षा के परीणाम जारी नहीं हुए.

अब तक जारी नहीं हुए परिणाम

परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर अभ्यर्थी कई बार आंदोलन कर चुके हैं. आमरण अनशन, मुंडन संस्कार, स्वच्छता अभियान और रक्तदान के जरिये कर अभ्यर्थी कई बार रिजल्ट की मांग कर चुके हैं। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब जल्द ही अभ्यर्थियों की परेशानी खत्म होने की उम्मीद है।

एसआई भर्ती परीक्षा का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट

एसआई भर्ती परीक्षा का मामला अदालत में पहुंच गया है। 29 जनवरी, 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद, 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इस चयन के बाद, जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं। जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे. इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई। 20 मई, 2024 को बिलासपुर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था, और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया. हालांकि, कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ। जिससे अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और अनशन किया।