नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले (Supreme Court liquor scam) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले को रद्द (Money laundering case canceled) कर दिया है। दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में ईसीआईआर और एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुए हैं और जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है तो मनी लांड्रिंग का मामला ही नहीं बनता। जांच एजेंसी ईडी के अनुसार शराब घोटाले में 2 हजार 160 करोड़ रुपए का शराब घोटाला 2019-22 के दरम्यान हुआ था।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ईसीआईआर और एफआईार को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुआ और अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए मनी लांड्रिंग केस का केस नहीं बनता है। ज्ञात हो कि इस मामले में जिन 6 लोगों ने याचिकाएं लगाई थी। उनमें एक अनवर ढेबर भी हैं। फिलहाल अनवर कोर्ट की ओर से एसीबी-ईओडब्लू की रिमांड पर हैं।
वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि फैसला देखें बगैर कुछ नहीं कह सकते हैंं। लेकिन जितनी भी याचिकाएं हैं। उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, करिश्मा ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया याचिकाकर्ता हैं। जाहिर है सभी को राहत मिल सकती है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसबी-ईओडब्ल्लू के केस में अनवर को क्या राहत मिलेगी। क्योंकि अभी एजेंसी की हिरासत में हैं। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि आदेश देखने के बाद ही कहा जा सकता है कि शराब घोटाले की वर्तमान जांच पर इस फैसले का क्या असर होगा।
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