आरक्षण पर ‘ठनी’ द्वंद, भूपेश के मंत्री आदिवासियों के साथ, इधर राज्यपाल की ‘टालमटोल’

(Reservation) आरक्षण बिल पर मचा द्वंद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सर्वआदिवासी समाज एक बार फिर आंदोलन छेड़ दिया है।

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  • Publish Date - December 28, 2022 / 02:04 PM IST

छत्तीसगढ़। (Reservation) आरक्षण बिल पर मचा द्वंद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सर्वआदिवासी समाज एक बार फिर आंदोलन छेड़ दिया है। इधर राज्यपाल अपने 10 सवालों के जवाब भी पा गईं हैं। इसके बावजूद वे आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है। ऐसे में इनके टालमटोल से अब राजभवन से (bhpush ) भपूेश सरकार और आदिवासियों की ठन गई।

इसी कड़ी में आदिवासियों के प्रदर्शन में भूपेश सरकार के मंत्री भी उनके साथ शामिल हुए। बताया जा रहा है कि आदिवासी नेताओं को प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलना चाह रहा था कि लेकिन राजभवन के अधिकारियों ने समय नहीं दिया। बताया गया कि वे बीमार है। मंत्री रविंद्र चौबे ने तो विधेयक लौटा देने की बात भी कह दी। मंगलवार को प्रदेशभर से आए आदिवासी समाज के लोगों ने रायपुर में धरना दिया। सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने राजभवन का घेराव करने रैली भी निकाली। पुलिस ने रैली को सप्रे स्कूल के पास रोक दिया।

प्रशासनिक अफसरों ने तय किया कि एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाएगा। मगर इस प्रतिनिधि मंडल को राज्यपाल ने मिलने का वक्त नहीं दिया। खबर आई कि राज्यपाल की तबीयत ठीक नहीं है। मगर चर्चा ये भी है कि अब आरक्षण के मामले में अलग-अलग वर्गों से मुलाकात करने से राज्यपाल बच रही हैं। ये सारा बखेड़ा इस वजह से खड़ा हुआ है क्योंकि आरक्षण विधेयक २ दिसंबर से राज्यपाल के पास है और इस पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

सर्व आदिवासी समाज ३२ फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है। समाज युवा प्रकोष्ठ के प्रदर्शन में समाज के नेता और सरकार में मंत्री अमरजीत भगत, अनिला भेड़िया, कवासी लखमा, प्रेमसाय सिंह, विधायक केके ध्रुव, शिशुपाल सोरी, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कुंवर सिंह और साथी शामिल हुए।

जो संविधान में लिखा है वही मांग रहे

आदिवासी समुदाय के नेता पूर्व सांसद अरविंद नेताम ने रायपुर में मीडिया से इस मसले पर चर्चा की। उन्होंने कहा- हम कोई अलग चीज देने की मांग नहीं कर रहे, जो संविधान में लिखा है वही मांग रहे हैं। बाबा साहब ने लिखा है कि जितनी आबादी हो उतना आरक्षण दिया जाए। राज्यपाल के विशेषाधिकार पर है कि वो विधेयक पर कब साइन करेंगी, मगर जल्द से जल्द इस पर उन्हें फैसला करना चाहिए।

मंत्री रविन्द्र चौबे बोले, या तो विधेयक लौटा दें या राष्ट्रपति को भेज दें

सर्व आदिवासी समाज द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन घेराव से जुड़े सवाल पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इतना समय बीत गया है। प्रदर्शन करना जाहिर सी बात है। सरकार ने अपनी तरफ से सब दे दिया है। राजभवन में किस कारण से रूका है, समझ नहीं आ रहा है। राज्यपाल या तो विधेयक को लौटा दें या फिर राष्ट्रपति को भेज दें।