तिरंगे से लिपटे गांव में शहीद जवान का पार्थिव शरीर लौटा:
By : dineshakula, Last Updated : June 16, 2024 | 2:25 pm
उनके भाई ने बताया कि, नितेश के लिए यह ऑपरेशन नक्सलियों से लड़ने का पहला मौका था, जिसमें उन्होंने बलिदान दिया। उनके परिवार और गांववाले में शोक है, लेकिन उनके बलिदान पर भी गर्व है।
शहीद नितेश के अंतिम दर्शन के लिए परिजन, गांववाले सहित विधायक रायमुनी भगत, पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह और अन्य नेता भी मौजूद थे।कुछ दिन पहले ही आए थे गांव पर छुट्टियां
नितेश ने छुट्टियों में अपने गांव आने का प्लान किया था, लेकिन वापसी के बाद उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की। उनकी मां नीलिमा और बड़ा भाई अशोक उनके साथ हैं, जबकि उनके पिता हेलारियुस एक्का की कुछ साल पहले ही मौत हो गई थी।
नितेश के भाई ने बताया कि वे हमेशा से नक्सल ऑपरेशन में भाग लेने का शौक रखते थे, और वे इस लिए भी फख्र महसूस करते हैं कि उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया।