सीताफल के व्यवसाय से रोशन हुई महिलाओं की जिंदगी

वक्त का पहिया चलता ही रहता है लेकिन जब मेहनत और लगन भी साथ हो जाए तो किसी की भी जिंदगी बदल जाती है।

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  • Publish Date - October 31, 2022 / 12:57 PM IST

सीताफल के संग्रहण और व्यापार से अच्छी खासी कमाई कर रहीं हैं समूहों की महिलाएं

छत्तीसगढ़। वक्त का पहिया चलता ही रहता है लेकिन जब मेहनत और लगन भी साथ हो जाए तो किसी की भी जिंदगी बदल जाती है। इसकी नजीर गौरिला पेंड्रा जिले की महिलाएं बनीं। ये महिलाएं अब जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के योजना के तहत महिला स्वसहायता समूहों की महिलाएं वनों से सीताफल के संग्रहण और व्यापार से अच्छी खासी कमाई कर रहीं हैं।

जंगलों से सीताफल का कलेक्शन कर बाजार में बेच रहीं

कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी की पहल पर परियोजना निदेशक जिला पंचायत (डीआरडीए) श्री आर के खूंटे के नेतृत्व में जिले की महिलाओं द्वारा जंगलों से सीताफल कलेक्शन किया जा रहा है। कलेक्शन के बाद लीताफल की ग्रेडिंग कर स्थानीय बाजार एवम बिलासपुर थोक मण्डी एवं पड़ोसी राज्य के अमरकंटक एवं अनूपपुर जिले में भेजा जा रहा है। जिला मिशन प्रबंधक सोनी ने बताया कि कलेक्टर की मंशा के अनुरुप सीताफल उत्पाद में जिले की पहचान बनाने के लिए अधिक अधिक मात्रा में इसका संग्रहण स्वसहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से कराकर उन्हें सीताफल का उचित दाम दिलाने हेतु प्रयास किया जा रहा है।