रायपुर। बच्चे जब आपस में खेला करते हैं। तब अक्सर वे किसी चीज के लिए छीन झपट करते हैं। जो समान या खिलौना पा जाता है। तब वह बहुत खुश होता है । कुछ भी कहते हुए हारने वाले बच्चे को चिढ़ाने लगता है। कुछ न कुछ मुंह से आवाज भी करता है। जैसे बोलता है, मैं जीत गया तू हार गया। ओय लो लो लूलू। और न जाने क्या क्या कहता है। इसके सबके जिक्र के पीछे कारण है की बीजेपी और कांग्रेस की भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव के रिजल्ट आने के बाद कुछ ऐसा ही हो रहा है।
चुनाव में सावित्री मंडावी (Savitri Mandavi) की जीत के कांग्रेस और बीजेपी में ट्विटर (Twitter) पर जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस ने डॉ.रमन सिंह के एक पुराने ट्वीट को पकड़ा, रमन सिंह ने उस ट्वीट पर वीडियो पोस्ट कर लिखा था- जन-संघर्ष जारी है अब सत्ता के अंधियारे से फिर से कमल खिलेगा परिवर्तन के उजियारे से भानुप्रतापपुर में परिवर्तन की बयार बह रही है, झूठे वादों और खोखले घोषणापत्र का झांसा नहीं बल्कि अब जनता की हुंकार उठ रही है।
कांग्रेस का पोस्ट
इसके जवाब में कांग्रेस ने ट्वीट किया, लिखा- अले ले ले ले ले..गोलू कहां गयी हुंकार और ललकार? भानुप्रतापपुर पर भी लिख लो कुछ, बह गयी बयार हो गयी हुंकार, सुन लो ललकार,
2023 में फिर कांग्रेस सरकार।
BJP ने मूसलचंद कहा
मूसलचंद इस शब्द का मतलब होता है गंवार; असभ्य; मूर्ख। इस शब्द का प्रयोग भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के लिए किया। एक ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा था- भानुप्रतापपुर में हैं, आ जाओ…इंतजार है , एक बलात्कारी के हारने का जनता जश्न मना रही है, उसको खड़ा करने वाली पार्टी को टॉर्च लेकर ढूंढ रही है और साथ में उन फुंके कारतूसों को भी ले आना जिनके मुंह पर लोकतांत्रिक तमाचा पड़ा है, मुंह पर बाम लगाओ, थोड़ा आराम पाओ। बेशर्मों! डूब मरो, ये ट्वीट इसलिए क्योंकि भाजपा ने पूछ लिया था कहां है गुजरात में जीत का दावा करने वाले।
कांग्रेस की तरफ से ट्विटर पर
बेशर्म कहे जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेसियों को मूसलचंद बता दिया- भाजपा की तरफ से लिखा गया, मूसल चंद मत बनो… शासन-प्रशासन, धन बल, शराब शक्ति समेत पूरी सरकारी मशीनरी उतार कर एक उपचुनाव जीतकर इतना अहंकार आसुरी प्रवृत्ति का प्रमाण है। हम जनादेश का सम्मान करते हैं।