छत्तीसगढ़। रायगढ़ जिले के जंगलों में इन दिनों 120 हाथी(120 elephants) विचरण कर रहे हैं और बीती रात हाथियों ने 02 ग्रामीणों के मकानों को तोड़ते हुए 44 किसानों की धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के द्वारा नुकसान पहुंचाये जाने(to cause harm) की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में एक बार फिर से हाथियों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले जहां रायगढ़ और धरमजयगढ़ दोनों वन मंडल को मिलाकर कुल 97 से 98 हाथी विचरण कर रहे थे, वहीं हाथियों की संख्या अब 120 तक पहुंच गई है। बीती रात धरमजयगढ़ वन मंडल की तरफ से दो हाथी रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कमतरा बीट में दो ग्रामीणों के मकान को क्षति पहुंचाया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम आज सुबह मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन करने में जुट गई है।
इसी तरह धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों ने एक ही रात में 44 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसमें विजयनगर, मोहलीपारा, सुखापारा में 21 किसान, सिंघीझाप, गडाईनबहरी में 11 किसान, खलबोरा, दर्रीडीह, में 05 किसान, फत्तेपुर, उद्उदा में 04 के अलावा बोजिया में 03 किसानों की धान की फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।
गांव-गांव में होती है मीटिंग
कमतरा बीट के वन रक्षक चैन कुमार सिदार ने बताया कि जंगल में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए गांव-गांव में मीटिंग करके गांव के ग्रामीणों को अर्लट किया जाता है। ग्रामीणों को किसी भी हाल में जंगल की तरफ नही जाने की सलाह दी जाती है, साथ ही हाथी के बस्ती तरफ आ जाने पर हो हल्ला नही करने और उससे दूरी बनाये रखने की बात कही जाती है। ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि की घटना न हो।
हाथियों के दल में शावक भी
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों में इन दिनों नर हाथी की संख्या 32, मादा हाथी की संख्या 58 के अलावा 30 हाथी शावक शामिल है।