छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा अनावरण से पहले रहस्यमय ढंग से गायब, जोगी समर्थकों में नाराज़गी

घटना की जानकारी फैलते ही जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौके पर पहुंच गए। जोगी समर्थकों का कहना है कि यह एक गहरा सदमा है और जनभावनाओं के साथ खुला खिलवाड़ है।

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  • Publish Date - May 26, 2025 / 12:30 PM IST

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 26 मई: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी (Ajit Jogi) की आदमकद प्रतिमा उनके जन्मस्थान गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ज्योतिपुर चौराहे से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई है। यह प्रतिमा 29 मई को अनावरण के लिए निर्धारित थी और इसके लिए मंच सजाया जा रहा था, आमंत्रण पत्र वितरित किए जा चुके थे। लेकिन इससे पहले ही रात के अंधेरे में प्रतिमा को स्थल से हटा दिया गया, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया है।

घटना की जानकारी फैलते ही जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौके पर पहुंच गए। जोगी समर्थकों का कहना है कि यह एक गहरा सदमा है और जनभावनाओं के साथ खुला खिलवाड़ है। पार्टी के नेता मुकेश चंद्रवंशी ने इसे अत्यंत दुखद घटना बताया और कहा कि जिस धरती पर अजीत जोगी का जन्म हुआ और जिनके नाम से छत्तीसगढ़ की पहचान बनी, उसी जगह पर इस तरह की घटना शर्मनाक है।

राजनीतिक साजिश का आरोप
जोगी कांग्रेस ने इस घटना को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है। पार्टी का कहना है कि स्वर्गीय अजीत जोगी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे पूरे छत्तीसगढ़ की आत्मा थे। उनके नाम पर इस तरह की हरकत न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह पूरे प्रदेश की जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।

नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन
घटनास्थल पर पहुंचे जोगी समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि मूर्ति को तुरंत पुनः स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि अजीत जोगी केवल मरवाही विधानसभा के नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की पहचान थे। राज्य में शायद ही कोई समाज या राजनीतिक वर्ग हो, जो जोगी जी के प्रभाव या योगदान से अछूता रहा हो।

सीसीटीवी में कैद हुई मूर्ति चोरी की वारदात
स्थानीय चौक-चौराहों के सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट रूप से देखा गया है कि मूर्ति को रात्रि के समय जानबूझकर दुर्भावना के तहत हटा दिया गया। इससे क्षेत्र में भारी असंतोष व्याप्त है।

प्रशासन सतर्क, पुलिस बल तैनात
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया है। पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही दोषियों का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने आगामी अनावरण समारोह पर सवाल खड़े कर दिए हैं और राजनीतिक तापमान को भी बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन मूर्ति की बरामदगी और जोगी समर्थकों की भावनाओं को संतुष्ट करने के लिए क्या कदम उठाता है।