रायपुर। अपनी मांगों को लेकर पटवारी और शासन में ठनी हुई है। 27 दिनों से पटवारी हड़ताल (Patwari strike) पर बैठे हैं। इससे तहसीलों की राजस्व शाखा में जरूरी प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया (Certificate Making Process) बाधित हो गई है। इससे प्रवेश और भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र परेशान हैं। वैसे पटवरियों की हड़ताल से उपजे हालात को नियंत्रण करने के लिए सामान्य प्रशासन ने आदेश जारी कर आय, जाति सहित आनलाइन रिकार्ड के लिए पटवारी प्रतिवेदन पर निर्भर नहीं रहने के निर्देश दिए हैं। ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियां न हों।
गौरतलब है कि पटवारियों के हड़ताल में न तो सरकार की ओर से पहल की जा रही है ओर न ही पटवारी संघ झुकने के लिए तैयार है। वहीं सरकार को भी एस्मा लगाए भी चार दिन बीत चुके हैं और कलेक्टरों द्वारा दिया गया 24 घंटे का अल्टीमेटम भी खत्म हो गया है।
ऐसे में साेमवार तक अगर पटवारी काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। रायपुर जिले सहित प्रदेशभर में अब पटवारियों के खिलाफ सख्ती शुरू हो गई है। राजधानी के माना-तूता में चल रहे इनके प्रदर्शन को कुचलने के लिए पंडाल हटाने की चेतावनी दी गई है और 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने की हिदायत एक बार फिर एसडीएम द्वारा दिए गए हैं। जबकि दुर्ग जिले में तो एफआइआर करने भी जानकारी मिल रही है।
पटवारियों ने राज्य सरकार से कई मांगे की हैं। मांगों में वरिष्ठता निवास की उनमें वेतन विसंगति दूर के आधार पर पदोन्नति, विभागीय नियमित परीक्षा, संसाधन, स्टेशनरी भत्ता, अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता बढ़ाएं, पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक, मुख्यालय बाध्यता खत्म, और बिना विभागीय जांच की एफआईआर दर्ज ना हो आदि शामिल हैं। हड़ताल के कारण तहसील के राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र एवं अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
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