रायपुर। विधानसभा चुनाव में सत्ता में काबिज होने लिए के लिए कांग्रेस और बीजेपी (Congress and BJP) में सियासी जंग की शुरूआत हो चुकी है। एक ओर मुद्दों की लड़ाई तो दूसरी ओर जनता के बीच में जाने की तैयारी। इसके लिए कारगर हथियार बन चुके सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर दोनों पार्टियों का फोकस है। इसके अलावा बूथ स्तर तक पदाधिकारियों और डिजिटल प्रचार (Digital Promotion) के लिए वॉरियर्स तैनात करने की कवायद कांग्रेस-बीजेपी में जारी है। लिहाजा, मिशन 2023 को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस अब सोशल मीडिया में बढ़त लेने की रणनीति पर काम कर रही हैं। प्रदेश से लेकर बूथों तक सोशल मीडिया टीम तैनात कर लिया गया है भाजपा जहां 22 सौ पदाधिकारियों और 21 हजार वॉलंटियर्स की तैनात की है। वहीं, कांग्रेस सभी 24 हजार बूथों में डिजिटल वॉरियर्स तैनात की है।
राज्य में,दोनों दलों में राज्य के 65 फीसदी युवा वोटर्स को अपने पक्ष में करने की होड़ है। भाजपा मंडल से लेकर प्रदेश स्तर पर 22 सौ पदाधिकारियों की टीम तैनात कर ली है,प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में 21 हजार वॉलंटियर्स को भी मिशन 2023 से जोड़ा जा रहा है जो अपने-अपने विधानसभा में स्थानीय मद्दे पर विधायक सहित सरकार को घेरते हुए नज़र आएगी वही पार्टी ने एक क्विक रिस्पांस टीम भी बना रखा है। जिससे विभिन्न जिलों के लगभग 50 लोग जुड़े हुए हैं। आने वाले समय में इस टीम में एक हजार लोगों की नियुक्ति की योजना है।बता दें कि पार्टी के सोशल मीडिया विंग में 16 सौ पदाधिकारी तैनात हैं जबकि 6 हजार वॉलंटियर्स जुड़े हुए हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस आईटी सेल चुनाव तक 24 हजार बूथों में डिजीटल वॉरियर्स तैनात कर ली है सेक्टर ओर जोन ओर सोसल मिडिया के सदश्यो को प्रशिक्षण आने वाले दिनों में दिया जायेगा साथ ही साथ बूथ लेवल के लोगो को भी प्रशिक्षण देने क तैयारी में कांग्रेस है । वर्तमान में प्रदेश में 500 से अधिक पदाधिकारी लोकसभा, विधानसभा और जिला नियुक्त हैं। वॉर रूम को पार्टी कार्यालय से अलग किसी स्थान पर बनाया गया है, जिसमें प्रोफेशनल्स को हायर किया गया है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस का आईटी सेल सोशल मीडिया में नरेटिव सेट करने पर काम करने जा रहा है। काउंटर नरेटिव में उलझने की जगह पार्टी का नरेटिव आगे बढ़ाएं। विपक्ष उसको काउंटर करे तो उसके लिए काउंटर अटैक की अलग रणनीति बने। इसका फायदा यह होगा कि सोशल मीडिया बहस उनके छेड़े विषयों के आसपास ही केंद्रित रहेगी वही भाजपा स्थानीय मुद्दे को लेकर सोसल मिडिया के सहारे सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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