रायपुर। बिरनपुर में सांप्रदायिक हिंसा (sectarian violence) के बाद शासन-प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की। सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गया हैं, जिसे देखते हुए पुलिस विभाग की ओर से एडवाइज़री जारी की गयी हैं। इस आदेश के मुताबिक प्रदेश में सोशल मीडिया (social media) के माध्यम से झूठी तथा बेबुनियाद खबरें और अफवाहें फैला कर समाज में सांप्रदायिक दंगे, भ्रम, दहशत फैलते पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने पर उन्हें जेल भी हो सकती है. आज रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा सहित कई जिलों में पुलिस प्रसाशन ने ऐसे उपद्रवियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया हैं।
समस्त सोशल साईट्स के ग्रुप एडमिन ध्यान रखें कि आपके ग्रुप का कोई भी सदस्य आपके ग्रुप में गलत खबर, विवादति पोस्ट, विवादित बातें, साम्प्रदायिक सौहार्द्र खराब करने, दो पक्षों में विवाद बढ़ाने, दो गुटों में विवाद बढ़ाने या किसी जातियों के मध्य वैमनस्यता फैलाने से संबंधी कोई भी मैसेज, पोस्ट चित्रण या विडियों फैलाता या प्रसारित करता पाया जाता है तो, उस व्यक्ति को ग्रुप के सदस्य को ग्रुप एडमिन उक्त बातों को प्रसारित करने के लिये मना करें न माने तो उस व्यक्ति को तत्काल ग्रुप से हटा दें। साथ ही ऐसे पोस्ट करने वाले व्यक्तियों की जानकारी रायपुर पुलिस के कंट्रोल रूम के व्हाट्सएप नंबर 9479191099 में अनिवार्य रूप से सूचित करें। यदि ग्रुप एडमिन की ओर से यह जिम्मेदारी नहीं निभाई जाती है तो ग्रुप एडमिन की भी उस पोस्ट के संबंध में जिम्मेदारी तय की जायेगी, उन पर भी विवादित पोस्ट को प्रसारित करने के संबंध में वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। इसके अतिरिक्त यदि कोई भी व्यक्ति व्हाट्सएप, ट्वीटर, फेसबुक, इन्स्टाग्राम आदि सोशल मिडिया के माध्यम से भ्रामक व असत्य खबरें पोस्ट/ शेयर / फारवर्ड / कमेंट करता है. जिससे लोकशांति पर प्रतिकूल प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भी भारतीय दण्ड संहिता एवं सूचना प्राद्यौगिकी अधिनियम के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जावेगी। इसिलिये सभी से अपील है कि ऐसे असत्य व भ्रामक खबरों को पोस्ट / शेयर / फारवर्ड / कमेंट करने से बचें।