छत्तीसगढ़ से संसद तोखन साहू (Tokhan Sahu) को मोदी सरकार में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनकर तोखन साहू ने इतिहास रच दिया है। बिलासपुर लोकसभा सीट से किसी सांसद को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का अवसर मिला है। साधारण किसान परिवार में जन्मे और पले-बढ़े तोखन साहू ने पंचायत से लेकर संसद तक का सफर तय किया है।
तोखन साहू ओबीसी वर्ग के साहू समाज से आते हैं, जिसकी छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी आबादी है। उनका जन्म मुंगेली जिले के ग्राम डिंडौरी में 15 अक्टूबर 1969 को हुआ था। उन्होंने एम कॉम तक की शिक्षा प्राप्त की है। उनका विवाह लीलावती साहू से हुआ है और उनके एक पुत्र व एक पुत्री हैं।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
वर्ष 1994 में पंच के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। लोरमी ब्लॉक के सूरजपुरा गांव से निर्विरोध पंच चुने गए थे। जनवरी 2005 में लोरमी क्षेत्र क्रमांक-18 फुलवारीकला से जनपद सदस्य बने। तोखन साहू वर्ष 2012 में जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के प्रतिनिधि बने। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें लोरमी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। वे कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक धर्मजीत सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने। डॉ. रमन सिंह सरकार ने उन्हें संसदीय सचिव भी बनाया।
लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर लोरमी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन जनता कांग्रेस के प्रत्याशी धर्मजीत सिंह के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में लोरमी से उनकी जगह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं बिलासपुर सांसद अरुण साव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।
उसी दिन यह तय हो गया था कि तोखन साहू को बिलासपुर लोकसभा सीट से लड़ाया जा सकता है। ऐसा हुआ और तोखन साहू को पार्टी ने यहां से प्रत्याशी बना दिया। उन्होंने इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को 1 लाख 64 हजार 558 वोटों के बड़े अंतर से हराकर शानदार जीत हासिल की। तोखन साहू को 7 लाख 24 हजार 937 वोट मिले।