टमाटर का बम्फर पैदावार लेकिन खरीददार नहीं
By : hashtagu, Last Updated : December 11, 2022 | 12:32 pm
बेहतर मूल्य नहीं मिल रहा
फलोउद्यान अधिकारी संतोष बंजारा का कहना है कि यहां टमाटर उत्पादन लेने वाले किसानों को फसलचक्र में परिवर्तन की सलाह दी जाती है, लेकिन अच्छा मुनाफा को देख कर फिर से किसानों ने टमाटर फसल का रकबामे बढ़ोत्तरी कर ली है। लेकिन एक पखवाड़ा से यहां टमाटर का भाव छै:सौ रुपये प्रति कांंवर (40 किलो) से घट कर महज 120 रुपए रह गया है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओड़सा के थोक सब्जी व्यापारियों की यहां कम रूचि के कारण किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य नहीं मिल रहा है।
टमाटर की फसल को सड़कों पर फेंका
खेतों से टमाटर की उपज को सब्जी मंडी में ले जाने के बाद मजदूरों का भुगतान भी नहीं मिल पाने से किसान अपनी फसल को खेतों में छोड़ने के लिए मजबूर हो रहें हैं। चार साल पहले भी टमाटर के भाव में इसी तरह भारी गिरावट आ जाने से पत्थलगांव के किसानों ने टमाटर की फसल को सड़कों पर फेंक दिया था।
अधिक उत्पादन किसानों के लिए परेशानी का सबब
पत्थलगांव, बगीचा और फरसाबहार विकासखंड में तीन सौ अधिक गांव में बीस हजार किसान टमाटर की दो फसल लेते हैं. नवंबर दिसंबर महिने में आने वाली दूसरी फसल के समय पड़ोसी राज्यों में भी टमाटर की फसल तैयार हो जाने से थोक व्यापारियों का पत्थलगांव लुड़ेग आना कम हो जाता है. इस वर्ष यंहा फिर से टमाटर का अधिक उत्पादन किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
किसानों ने क्या कहा
पत्थलगांव में लुड़ेग क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इन दिनों सब्जी मंडी में टमाटर के थोक व्यापारी नदारद हो जाने से उनकी फसल खेतों में ही खराब हो रही है। टमाटर फसल के भाव में भारी गिरावट के कारण वे अपने मवेशियों को ही इस फसल को खिला रहे हैं।