बृजमोहन के सवालों का ‘सियासी फांस’, लखमा भी लपेटे में!

By : madhukar dubey, Last Updated : March 4, 2023 | 6:05 pm

छत्तीसगढ़। विधानसभा के बजट सत्र (budget session) का चौथा दिन है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी है। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल (MLA Brijmohan Agarwal) ने कहा जब आप राज्यपाल को नहीं मानते तो अभिभाषण पर चर्चा क्यों करा रहे हैं। राज्यपाल को कोर्ट का नोटिस नहीं दिया जा सकता। उस न्यायाधीश को भी शर्म आनी चाहिए, जिसने राज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने पूछा-किसको शर्म आनी चाहिए।

किसने नोटिस जारी किया है। बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर मंत्री लखमा ने जवाब दिया। कहा- मेरे बाप दादा बस्तर से हैं ,,मेरे से ज्यादा कोई बस्तर नहीं चाहता। इस पर अग्रवाल ने कहा-मेरे बाप दादा के बारे में बोल रहे हैं। मंत्री को मुझसे माफी मांगना चाहिए। इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई थी।

बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में जो कुछ कहा,

1-सदन में मंत्रियों और अफसरों की उपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने अपनी बात शुरू की। कहा- भाजपा कार्यालय के बाहर राजभवन बोर्ड लगा है। अभी तक नहीं हटा है। कहां है शासन प्रशासन।

2-सदन में बहुमत का आपातकाल है। बेरोजगारी पर चर्चा नहीं कर सकते, कार्यकर्ताओं की हत्या पर चर्चा नहीं कर सकते।

3-राज्यपाल को भाजपा का एजेंट बताया गया। हमसे कहते हैं कि राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दीजिए।

4-सरकार बहुमत के बोझ से चरमरा गई है। अपने ही बोझ से दब चुकी है।

5-कलेक्टर विधायक को आदेश है कि इस विधायक और मंत्री की बात नहीं सुननी है। एक मंत्री इसीलिए अपना विभाग छोड़ देता है। विधायक धरने पर बैठता है।

6-क्या हो रहा है बस्तर के शमशान घाट में। बुजुर्ग को दफनाने नहीं दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति आदिवासी है।

7-सरकार को शर्म आना चाहिए कि राज्यपाल के खिलाफ याचिका लगाई गई।

8-कवर्धा में कल एसपी समेत 25 पुलिसकर्मियों का सिर फूटा है।

9-सदन मे आगे चर्चा करते हुए अग्रवाल ने कहा- छत्तीसगढ़ के लोगों को आज भी पलायन का दंश झेलना पड़ रहा है।ये मंत्री है या चूचू का मुरब्बा है बस्तर में धर्मांतरण के 80 प्रकरण दर्ज हो रहे पर कार्रवाई नहीं हो रही। दादी आपका जीवन खतरे में है और मेरा भी जीवन खतरे में है, हम नक्सलवाद के बारे में बोल नहीं सकते

10-रायपुर को लोग चाकूपुर बोल रहे, क्यों यहां पुलिस की धमक खत्म हो गई है ? नशीली वस्तुएं बेचने वालों की कई शिकायत मैंने की, पर कोई कार्रवाई नहीं होती, ये अभिभाषण सरकार के चार वर्षों का कारगुजारी है, छग गढ़बो हो रहा है, या बोरबो।

11-छत्तीसगढ़ की संस्कृति के नाम पर भ्रष्टाचार करने का काम इस सरकार ने किया है। हमारी भी सरकार का कार्यकाल रहा है, लेकिन आईटी- ईडी का छापा इतने ज्यादा IAS और IPS के यहां नहीं पड़ा। 500 करोड़ की संपत्ति जब्त होना क्या यह है छत्तीसगढ़ की संस्कृति है।

अग्रवाल के इस बयान पर मंत्री उमेश पटेल ने पूछा- क्या ईडी केवल विपक्षी सरकार जहां है वहीं आएंगी, ईडी नरेटिव सेक्टर हो गई है, जहा मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। आखिरकार ईडी वहा क्यों नहीं जा रही है।