छत्तीसगढ़। प्रदेश की लगभग पौने तीन करोड़ आबादी को खाद्यान्न सुरक्षा देने की मजबूत पहल राज्य में की जा रही है। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद अमीर-गरीब सभी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा देने के लिए युनिवर्सल पी.डी.एस. योजना लागू की है। यह योजना महात्मां गांधी की 150 वीं जयंती पर शुरू की गई है। इस योजना का लाभ 69.67 लाख परिवारों को मिल रहा है। योजना में एपीएल परिवारों को भी 35 किलों खाद्यान्न सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यूनिवर्सल पीडीएस लागू कर सरकार ने जनघोषणा पत्र में शामिल अपने वायदे को पूरा किया है।
छत्तीसगढ़ की यूनिवर्सल पीडीएस योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लागू की गई यह योजना सर्वजन हिताए को ध्यान में रखकर लागू की गई है। इस योजना का ध्येय सस्ता चावल सबका अधिकार भी है। योजना के दायरे में लगातार परिवारों को शामिल होने से यह योजना सबकी योजना बन गई है। इस योजना में राज्य कोटवार से लेकर कलेक्टर तक तथा पार्षद से लेकर मंत्री तक सभी का राशनकार्ड बनाये जा रहे है। छत्तीसगढ़ के इस कल्याणकारी कदम से पूरे देश को दिशा मिल रही है।
राज्य में यूनिर्वसल पीडीएस लागू होने के बाद खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में वृद्धि हुई है। उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन के लिए 2 करोड़ 55 लाख परिवारों का पंजीयन हो चुका है। खाद्यान्न सुरक्षा के दायरा बढ़ने से राज्य सरकार में लागों का विश्वास बढ़ा है। गरीब वंचित परिवारों को इस योजना में अब फिर 35 किलो खाद्यान्न मिलने लगा है। वहीं पांच से अधिक परिवार के सदस्य होने पर प्रति सदस्य 7 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न दिया जा रहा है। इससे गरीब और वंचित परिवार के लोगों की चिंता दूर हुई है।
राज्य सरकार ने लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा देने के लिए सतत रूप से नए परिवारों को जोड़ने का संवेदनशील पहल की है। विगत 2 वर्ष के दौरान राज्य में लगभग 11 लाख 15 हजार नवीन राशनकार्ड जारी किए गए और 5 लाख 52 हजार नवीन सदस्यों के नाम राशनकार्डों में जोड़े गए हैं। इसी प्रकार प्रदेश में शैक्षणिक संस्थाओं आश्रम, छात्रावास, और कल्याणकारी संस्थाओं में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है।
राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के क्रियान्वयन से लागों को अब राशन उठाव में दिक्कत दूर हो गई है। अब राशन कार्ड से खाद्यान्न उठाव के लिए आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोई भी राशन कार्ड धारी अपने पंसद के उचित मूल्य दुकान से राशन के उठाव कर सकते हैं। यह सुविधा राज्य के 25 जिलों में लागू कर दी गई है। राज्य के 13304 उचित मूल्य दुकानों में से 12314 दुकानों में ई- पॉस मशीन स्थापित कर आधार प्रमाणीकरण किया गया है। इसके माध्यम से राशन वितरण किया जा रहा है। इससे राशन दुकानदारों की मनमानी और राशन वितरण में होने वाली शिकायतों पर रोक लग गई है। यूनिवर्सल पीडीएस के क्रियान्वयन के लिए 27.60 लाख टन चावल में से केन्द्र का आबंटन 13.84 लाख टन और स्टेट पूल आबंटन 13.76 लाख टन है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 5100 करोड़ रुपए वहन किया जाएगा।
बस्तर संभाग के कोण्डागांव जिले बच्चों और महिलाओं में आयरन की कमी दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत फोर्टीफाइड चावल के वितरण की शुरूआत की गई थी। इसे अब राज्य के दस आकांक्षी जिलों और दो हार्ड बर्डन जिलो में लागू किया जा रहा है। बस्तर संभाग में आयरन की कमी को दूर करने गुड़ का वितरण भी किया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों एवं माडा क्षेत्र के अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले लगभग 25 लाख परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरा करने हेतु रियायती दर 5 रुपये प्रतिकिलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय किया जा रहा है।