Untold Story : किसानों से किए वादे पूूरे कर रही छत्तीसगढ़ सरकार!

खेती-किसानी छत्तीसगढ़ के लोगों की आजीविका का साधन होने के साथ यहां की संस्कृति में भी रची बसी है। ग्रामीण जनजीवन में तीज-त्यौहार भी खेती

  • Written By:
  • Updated On - March 10, 2024 / 05:55 PM IST

रायपुर। खेती-किसानी छत्तीसगढ़ (Farming chhattisgarh) के लोगों की आजीविका का साधन होने के साथ यहां की संस्कृति में भी रची बसी है। ग्रामीण जनजीवन में तीज-त्यौहार भी खेती किसानी से जुड़े हैं। खेतों की जुताई-बुआई से लेकर फसल की कटाई तक हर अवसर पर हरेली, पोला, नवाखाई, छेरछेरा आदि त्यौहार मनाएं जाते हैं।

  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) के नेतृत्व में नई सरकार ने मोदी जी की गारंटी पर अमल करते हुए छत्तीसगढ़ में कृषि और किसानों की उन्नति के लिए तत्परता के साथ अनेक कदम उठाए हैं। धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ किसानों को धान की सबसे ज्यादा कीमत मिलने के लिए भी जाना जाता है। नई सरकार ने छत्तीसगढ़ की इस ताकत को और मजबूत करने के लिए नए बजट में अनेक प्रावधान किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस सुशासन दिवस के अवसर पर मोदी की गारंटी पूरी करते हुए 12 लाख से अधिक किसानों के खाते में दो साल के बकाया धान के बोनस के रुप में 3716 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की।

जशपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय ने 12 मार्च को मोदी जी की गारंटी के अनुरुप कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को समर्थन मूल्य और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की अंतर की राशि प्रदान करने का ऐलान किया है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में किसानों ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 24.72 लाख किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। किसानों को वर्तमान में समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है। कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को अंतर की राशि के रुप में लगभग 13 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर राज्य सरकार एक और वायदा पूरा करेगी।

  • राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषि विभाग के बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है तथा अनेक नवाचारी प्रवधान किए गए हैं। कृषि को किसानों के लिए लाभदायक बनाने के लिए फसलों की अच्छी उत्पादकता के साथ-साथ कृषि व्यवसाय में प्रबंधन, हार्वेस्ट मैनेजमेंट और प्रसंस्करण तकनीकी का भी बड़ा महत्व है। जिसे ध्यान में रखते हुए नई सरकार ने जशपुर जिले के कुनकुरी में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय खोलने का प्रावधान बजट में रखा है। इसी तरह सूरजपुर जिले के सिलफिली एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, तथा मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खडगंवा में कृषि महाविद्यालय प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है।

कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन निर्माण हेतु प्रावधान भी बजट में किया गया है। दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय तथा रासायनिक उर्वरकांे की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना का प्रावधान भी रखा गया है। कृषि विभाग के बजट में विगत वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 08 हजार 500 करोड़ की साख सीमा निर्धारित की गई है। इस राशि पर ब्याज अनुदान के लिए 317 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

  • मोदी जी की गारंटी के अनुरुप भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता हेतु दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु 200 करोड़ रूपए, सोलर सिचाई पंपों की स्थापना के लिए 670 करोड़ रूपए तथा सौर सामुदायिक सिंचाई योजना अंतर्गत 795 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने के उद्देश्य से 30 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

केलो सिंचाई परियोजना की अधूरी नहरों को पूरा करने के लिए 100 करोड़ रुपए, जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन हेतु डिजिटल सूचना प्रणाली विकसित करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र की स्थापना हेतु 01 करोड़ 56 लाख का प्रावधान किया गया है। सिंचाई रकबे के विस्तार के लिए नवीन सिंचाई परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं हेतु 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए तथा एनीकट एवं स्टॉपडेम निर्माण हेतु 262 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। सिंचाई बाधों की देखभाल एवं मरम्मत के लिए राज्य बांध सुरक्षा संगठन को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

  • लेखक-(आनंद प्रकाश सोलंकी, सहायक संचालक, जनसंपर्क विभाग)

यह भी पढ़ें : PM मोदी ने छत्तीसगढ़ की 70 लाख से अधिक महिलाओं को काशी से बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ अंतरित की महतारी वंदन की राशि