छत्तीसगढ़। आज विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) ने कोल ब्लॉक परिवहन (coal block transport) में हुए टेंडर की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। कहा, इतने हाईरेट में टेंडर देने की क्या आवश्यकता थी। जबकि लोकल ट्रांसर्पोटर इसके लिए तैयार थे। इसे दोगुना रेट में दिया गया है। कहा, यह बहुत बड़ा घोटाला है। प्रतिटन 210 रुपए ज्यादा रुपया दिया जा रहा है। इसका जबाव देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश सामने आए। लेकिन उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर बीजेपी के विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।
उसमें मेरा मेरा प्रश्न है सामान्य टेंडर की प्रक्रिया होती है। वो चाहे 1 करोड़ का हो 1000 करोड़ का हो जो निविदाकार होते है। उनकी संख्या समान्यतः 3 होनी चाहिए मंत्री ने जवाब दिया है। 4 लोगों ने निविदा डाली तो उसमें 2 डिसक्वालीफाई हो गए। बच गए दो उनके बीच ही टेंडर ओपन किया गया। उस टेंडर की प्रकिया में हमें आपत्ति है। हमारी आपत्ति है कि जब तक तीन लोगों की उपस्तिथि ना हो तब तक टेंडर नहीं खोला जाता। नियम कानून की प्रक्रिया को ताक में रखकर काम किया गया है। ट्रांसपोर्टिंग के सबन्ध में गाइड लाइन जारी हुई है। साउध ईस्ट कोलफिल्ड में किस दर में कितने किलोमीटर की ट्रांसपोर्टिंग होनी है। वो निधारित की है। 20 किलोमीटर में 116 रुपया प्रति टन ट्रांसपोर्टिंग होनी चाहिए। 40 किलोमीटर ट्रांसपोर्टिंग के लिए 232 रुपया। लोकल ट्रांसपोटर का कहना है कि वो 40 किलोमीटर में 232 रुपए में काम कर लेंगे। ट्रांसपोर्टिंग उपलब्ध होने के बाद भी 466 रुपया 40 किलोमीटर प्रति टन की दर से दिया जा रहा है। ये 210 रुपया अतिरिक्त पैसा जा रहा है, वो किसके खाते में जा रहा है।
जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- किलोमीटर के हिसाब से एसईसीएल खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेट निर्धारित है। जब पिछली सरकार में टेंडर किया गया और नियम बनाया गया उसी समय ये कह दिया जाता कि गाइडलाइन के हिसाब से परिवहन होगा, लेकिन साल 2017 में तो आपने ऐसा किया नहीं। जब आप मुख्यमंत्री थे तब आपने जो नियम बनाया वही है। अलग-अलग खदानों के लिए अलग-अलग रेट आता है।
रमन सिंह ने कहा- एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है इसे लेकर। कोल ट्रांसपोर्टिंग के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है। जब गाइडलाइन तय कर चुका है, फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट तय करेगा। प्रति मैट्रिक टन 210 रुपए से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली हुई है। करोड़ों की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया है। क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा?
सीएम भूपेश बघेल ने कहा- ये केमिकल लोचा है। 211 रुपए के रेट में परिवहन होता ही नहीं है। सारे शर्ते और नियम आपने बनाया। एसईसीएल कब से चल रहा है और उसके नियम भी पहले से बने हुए है। अलग-अलग जगह का अलग-रेट है। दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है। आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता।
रमन सिंह बोले- जब इतना बड़ा मामला है तो जांच क्यों नहीं। 232 रुपए के रेट में तैयार हो जाएंगे लोग, जबकि 466 रुपए के रेट में यहां टेंडर दिया गया।
सीएम ने कहा- हमने टेंडर के जरिए रेट तय किया है। 8 कंपनियां शामिल हुई टेंडर में। 4 लोग भरे थे टेंडर, जिसमें 2 पात्र पाए गए और 2 अपात्र पाए गए। ऑनलाइन टेंडर जारी किया। देशभर के पत्र-पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ, फिर कहां गड़बड़ी हो गई? इनके मन में गड़बड़ी है तभी मैं कह रहा हूं केमिकल लोचा है। सारा काम पारदर्शी तरीके से हुआ है।
रमन सिंह ने कहा- मैं आपके चुनौती देता हूं कि 2012 के दर और अभी के दर पर खुली चर्चा करा लीजिए। सीएम ने कहा- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है।
भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा- 675 में नई कंपनी को एमडीओ दिया गया है, ट्रांसपोर्टेशन के लिए।
इस पर सीएम ने कहा- जबरदस्ती मामले को घुमाने की कोशिश की जा रही है।
इस पर सदन में जोरदार हंगामा हो गया और पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक हो गई। भाजपा विधायक सदन के विधायकों की जांच कमिटी से जांच पर अड़े रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- बार-बार गड़बड़ी की बात करते हैं, इन्होंने खुद गड़बड़ी किया है।