छत्तीसगढ़। धुर नक्सली (Bijapur) बीजापुर जिले के वनांचल में इंद्रावती नदी (Indravati River) पर पुल निर्माण के विरोध में ग्रामीण उतर आये हैं। ११ ग्राम पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीण इंद्रावती नदी के किनारे राशन-बर्तन लेकर आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि, बिना ग्राम सभा की अनुमति से नदी पर पुल बनाने का काम किया जा रहा है। इस काम को बंद किया जाए। दरअसल, इस पुल के बनने से अबूझमाड़ के ग्रामीण जिला और ब्लॉक मुख्यालय जुड़ जाएंगे।
इंद्रावती नदी के उस पार रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि, सैकड़ों ग्रामीण पुल निर्माण के विरोध में मार्च २०२२ से आंदोलन कर रहे हैं। २६ मार्च २०२२ को आंदोलन पर बैठे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई से करीब ५० से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए थे। वहीं इस आंदोलन में शामिल करीब ७ से ८ ग्रामीणों को झूठे केस में फंसा कर जेल में डाल दिया गया है। गांव वालों का कहना है कि, अब एक बार फिर से इलाके के लोग पुल निर्माण के विरोध में आंदोलन पर बैठ गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि, अगर इंद्रावती नदी पर पुल बनता है तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएगी। फोर्स गांव में घुसेगी। इलाके के ग्रामीणों को परेशान करेगी। झूठे नक्सल मामलों पर ग्रामीणों को फंसाया जाएगा। एनकाउंटर में ग्रामीणों को मारा जाएगा। लोगों की मांग है कि इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण का काम चल रहा है उसे फौरन रोक दिया जाए। पुल निर्माण का काम नहीं रोका जाता है तो ग्रामीण इसी तरह आंदोलन में डटे रहेंगे।
इंद्रावती नदी पर कुल चार पुल प्रस्तावित थे। जिनमें से एक दंतेवाड़ा जिले के पाहुरनार का पुल बन चुका है। जिसका उद्घाटन भी ष्टरू भूपेश बघेल ने कर दिया है। इसके अलावा बड़े करका घाट, फुंडरी समेत एक अन्य जगह पुल निर्माण का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि, इस साल इन जगहों पर भी पुल निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इंद्रावती नदी पर पुल ना होने की वजह से ग्रामीण लकड़ी की छोटी डोंगी से इंद्रावती नदी को पार करते थे। पुल बनने के बाद ग्रामीणों को राहत मिलेगी।