छत्तीसगढ़ में निवेश के नए द्वार खोल रही विष्णु देव साय सरकार
By : dineshakula, Last Updated : July 1, 2025 | 3:47 pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनिज, वन संपदा, जल व विद्युत जैसे प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर उपलब्धता, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) की नीतियों और राज्य सरकार के नीतिगत सुधारों के चलते अब औद्योगिक निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो गया है। रायपुर में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग’ कार्यक्रम के दूसरे संस्करण में मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि “विकसित छत्तीसगढ़” की स्थापना में उद्योगपतियों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सात महीने पहले राज्य में नई औद्योगिक नीति लागू की गई है, जिससे राज्य में निवेश को लेकर एक सकारात्मक माहौल बना है। इस दौरान विभिन्न औद्योगिक कनेक्ट कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है ताकि निवेशकों से सीधे संवाद स्थापित हो सके। उन्होंने बताया कि राज्य को अब तक 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन पर काम शुरू हो चुका है।
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— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 1, 2025
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति को भी निवेश के लिहाज से लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश के मध्य में स्थित है, जिससे यह लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के लिए एक उपयुक्त स्थान बनता है। जल, बिजली और अन्य मूलभूत संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता इस राज्य को उद्योगों के लिए आकर्षक बनाती है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में विस्तार हो रहे रेलवे नेटवर्क और प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कार्गो हब की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से एक बनकर उभरेगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री साय ने नक्सलवाद पर राज्य सरकार की निर्णायक नीति को दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 2026 तक नक्सलवाद के पूरी तरह समाप्त होने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जल्द ही नक्सलवाद का अंत होगा और निवेश की राह में कोई बाधा शेष नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में 25 जून को वाराणसी में आयोजित केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक में लिए गए उस ऐतिहासिक निर्णय का भी स्वागत किया जिसमें अगली बैठक बस्तर में आयोजित करने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल बस्तर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह क्षेत्र की सकारात्मक छवि और संभावनाओं को उजागर करने का एक ऐतिहासिक अवसर भी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अडिग समर्थन के साथ, बस्तर अब संघर्ष की धरती नहीं बल्कि संभावनाओं और प्रगति की भूमि के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। आने वाले समय में यह क्षेत्र शांति, समावेशी विकास और दृढ़ संकल्प का आदर्श बनकर उभरेगा।




