विष्णुदेव साय सरकार का महादेव सट्टा एप पर बड़ा एक्शन! अब CBI करेगी जांच

By : hashtagu, Last Updated : August 26, 2024 | 7:33 pm

रायपुर। हजारों करोड़ रूपये के महादेव सट्टा एप घोटाले (Mahadev Satta App Scam) के सभी मामलों को प्रदेश सरकार ने CBI को सौंप दिया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। कांग्रेस के शासनकाल में शुरू हुई महादेव सट्टा एप की जांच अब तक जारी है, मगर अब भी यह अवैध कारोबार बदस्तूर चल रहा है और इसके दो प्रमुख आरोपी रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर अब तक गिरफ्त से बाहर हैं।

महादेव सट्टे के 70 FIR हैं दर्ज

छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टा के दर्ज सभी 70 प्रकरणों को सौंप दिया जाएगा। आनलाइन सट्टेबाजी का यह कारोबार छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के दौरान उजागर हुआ और अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। रायपुर में जनवरी 2024 से अब तक 80 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेशभर में यह आंकड़ा करीब 600 है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार झारखंड जैसे दूसरे राज्यों में भी पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की है।

EOW कर रही थी मामले की जांच

भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार के आने के बाद यह मामला ईओडब्ल्यू के सुपुर्द कर दिया गया था। इसकी FIR में प्रदेश के कई बड़े नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 420, आइपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1998 की धाराओं के तहत दर्ज हैं।

ED ने दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

पूर्व में इन्हीं प्रकरणों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था। ईडी ने पहली गिरफ्तारी अगस्त 2023 में की थी। चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इसे मनी लांड्रिंग से जोड़ा था। अक्टूबर 2023 में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। इनमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से पूछताछ हुई थी।

  • पूर्व CM का नाम लिया था ED ने नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था। वहीं नई सरकार में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भूपेश को नामजद आरोपित बनाया है।

जांच करने वाली चौथी एजेंसी होगी CBI

हजारों करोड़ रूपये के महादेव सट्टा मामले की जांच का काम सबसे पहले प्रदेश की पुलिस ने शुरू किया और सैकड़ों लोगों की धर-पकड़ की। इसके बाद मामले की जांच सेंट्रल की एजेंसी ED ने शुरू कर दी और मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज किया। प्रदेश में जब भजपा की सरकार आयी तब EOW ने FIR दर्ज कर ली। अब प्रदेश सरकार ने इसे फिर से केंद्र की दूसरी एजेंसी CBI को सौंप दिया है।

राज्य में पांच साल बाद सीबीआई की एंट्री छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सीजीपीएससी 2021 की भर्ती की जांच से हुई है। इसके अलावा बिरनपुर हिंसा मामले में भी सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। महादेव एप घोटाले की जांच भी अब सीबीआई करेगी।

कहा जा रहा है कि महादेव सट्टा एप का अवैध कारोबार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है और इसके आरोपी विदेश में रहकर यह काम कर रहे हैं, इसलिए इस मामले को CBI के सुपुर्द किया जा रहा है ताकि यह एजेंसी विदेशों में भी प्रभावी तरीके से कार्रवाई कर उसके।

क्या है राज्य सरकार की अधिसूचना में..?

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (1946 का अधिनियम 25) की धारा 6 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार सहमति देती है धारा 420, 467 के तहत दर्ज अपराध संख्या 06/2024 द्वारा अपराध की जांच और जांच करने के लिए इस विभाग की सम क्रमांकित अधिसूचना 13 फरवरी 2024 के माध्यम से दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को पूरे छत्तीसगढ़ में शक्तियों और क्षेत्राधिकार का विस्तार किया गया। भारतीय दंड संहिता की धारा 468, 471, 201, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 7-ए (2018 में संशोधित), जुआ अधिनियम, 1867 की धारा 4, 7, 8, 11 (जैसा संशोधित) सार्वजनिक जुआ (म.प्र.संशोधन) अधिनियम, 1976 द्वारा, महादेव ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्मों और अन्य संबंधित प्लेटफार्मों को संचालित करने और इसमें शामिल होने वाले अपराधियों के खिलाफ, जिला-रायपुर के पुलिस स्टेशन एसीबी / ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में।

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