मंत्री लखमा ने क्यों दे डाली राज्यपाल को चुनौती!,

(reservation bill) आरक्षण बिल के राजभवन में लटके के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है।

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  • Publish Date - December 18, 2022 / 02:47 PM IST

छत्तीसगढ़। (reservation bill) आरक्षण बिल के राजभवन में लटके के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने तो राज्यपाल को चुनौती दे डाली, कि अगर वे सच्ची आदिवासी हैं तो आरक्षण बिल पर दस्खत करें।

उन्होंने कहा, हमारे नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल न कभी थके हैं, न कभी ठगे हैं। सरकार बनते ही २ घंटे के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। छत्तीसगढ़ के राजभवन में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अगर राज्यपाल सच्ची आदिवासी हैं।

वे अपने विधानसभा कोंटा में गौरव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कही। कहा, कि कवासी लखमा ने कहा कि, आरक्षण की यह लड़ाई बहुत आगे तक जाएगी। यह आदिवासी, पिछड़ा वर्ग का प्रदेश है। मैं राज्यपाल का बहुत सम्मान करता हूं। उनके पद की एक गरिमा है और वे उस पद की गरिमा को सड़क पर मत लाएं।

बोले, बड़ी-बड़ी बातें की थी, राज्यपाल ने

उन्होंने कहा कि, राज्यपाल ने बड़ी-बड़ी बातें की थी कि विधानसभा में जैसे ही आरक्षण बिल पास होगा मैं दस्तखत कर दूंगी। लेकिन, कई दिन गुजर गए उन्होंने दस्तखत नहीं किए। भाजपा ने राज्यपाल को गुमराह कर दिया। आज वे कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं। यदि आरक्षण बिल पास नहीं होता है तो हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ेंगे।

कवासी लखमा ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल को ४ साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने भूमिहीन किसानों को पट्टा दिया। पढ़े लिखे युवाओं की पुलिस में भर्ती हुई है। केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे रही। लेकिन हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, क्चछ्वक्क आदिवासी और पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी है। इनका चेहरा अब उजागर हुआ है।