कोरबा। जिले में केंद्रीय पाठ्यक्रम बोर्ड के तहत संचालित हो रही 15 अंग्रेजी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूलों(15 English Medium Swami Atmanand Schools) में शिक्षकों के 121 पद खाली है। आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद अब जाकर शिक्षकों की भर्ती(recruitment of teachers) की अनुमति मिली है। हाल ही में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम से संबद्ध स्कूलों के लिए 118 शिक्षकों की भर्ती की गई है। वहीं केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूलों में 20 शिक्षक के पद अब भी खाली हैं। समय रहते शिक्षकों की व्यवस्था नहीं किए जाने से यहां अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को केंद्रीय शिक्षा बोर्ड प्रणाली से जोडऩे के लिए कांग्रेस के शासन काल में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरूआत की गई। भवन शिक्षकों की नियुक्ति किए बगैर ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों हुई शुरूआत का खामियाजा आज भी बच्चे झेल रहे हैं। जिले में बीते शैक्षणिक सत्र तक 34 स्कूलों का संचालन हो रहा था। सत्र समापन होने तक इनकी संख्या 60 हो चुकी है। शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में बच्चों को दाखिला देने के लिए अभिभावकों की होड़ लगी रहती थी। आत्मानंद स्कूल शुरू होने से अभिभावकों ने शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में भेजना उचित समझा। तब उन्हे क्या मालूम था कि शिक्षकों की कमी की वजह आत्मानंद सरकारी स्कूलों अध्यापन कार्य निजी स्कूलों से भी बदहाल होगी है। पसान मोरगा, करतला जैसे दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूल सर्वाधिक दयनीय है। पसान आत्मानंदन स्कूल में शिक्षक नहीं होने की शिकायत लेकर गांव के बच्चे पखवाड़े भर पहले कलेक्टोरेट पहुंच गए थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हे आश्वासन देकर वापस भेजा था। जिले में जिस तादाद में स्वामी आत्मानंद स्कूलों शुरूआत की जा गई , इसके विपरीत संसाधनों की नितांत कमी देखी जा रही। पांचों विकासखंड में संचालित स्कूलों का संचालन पुराने भवनों में की जा रही है।
जिला प्रशासन ने जिला खनिज न्यास मद से 121 शिक्षकों की भर्ती को भले ही हरी झंडी दे दी है लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरा होने मे अभी माह भर का समय लगेगा। सीबीएसई कोर्स के लिए के केंद्रीय पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण शिक्षक आवश्यक हैं। जिले में ऐसे शिक्षकों की नितांत कमी देखी जा रही है। संविदा और नियमित शिक्षकों में समान काम समान वेतन लागू नहीं होने के कारण स्कूलों पदों में पूर्ण भर्ती होगी इस पर भी संशय बना हुआ है। शिक्षकों की भर्ती मेरिट बेस पर होगी। अंतिम सूची और दावापत्ति की प्रक्रिया पूरी होने तक बच्चों के बिना शिक्षक के ही काम चलाना होगा।
पांच माह बीत जाने के बाद विज्ञान और कामर्स जैसे विषयों की पढ़ाई शुरू नहीं हुईं। विषय शिक्षक नहीं होने का सर्वाधिक खामियाजा बोर्ड के दसवीं व बारहवीं बोर्ड के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के हिंदी माध्यम के 118 स्कूलों अतिथि शिक्षक की भर्ती की है लेकिन आत्मानंद केंद्री बोर्ड हिंदी माध्यम के लिए अभी भी 20 शिक्षकों की कमी है। शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अतिथि शिक्षक भर्ती का निर्णय है। वहीं हिंदी माध्यम के लिए अन्य स्कूलों के शिक्षकों वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम लिया जाएगा।
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