अभिनेत्री सायरा बानो ने कहा, ”मुझे हिंदी सीखने पर बहुत गर्व है”

By : hashtagu, Last Updated : September 14, 2023 | 8:30 pm

मुंबई, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक, सायरा बानो (Saira Banu) ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा के साथ अपने पहले अनुभव के बारे में बात की।

14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन एक ऐसे अवसर के रूप में सामने आता है जो हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करता है।

इंस्टाग्राम पर अपने डेब्यू के बाद से सायरा को दिवंगत अभिनेता और अपने पति दिलीप कुमार की खूबसूरत यादें साझा करते देखा गया है।

सायरा ने गुरुवार को इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक लंबा नोट लिखा कि उन्हें हिंदी सीखने पर कितना गर्व है।

‘पड़ोसन’ फेम अभिनेत्री ने देवनागरी में लिखा, “सालों पहले जब मैं एक मशहूर अभिनेत्री बनने का सपना लेकर भारत आई थी, तो यहां की भाषाओं में इतनी निपुण नहीं थी।”

अभिनेत्री ने कहा, “हिंदी सिनेमा में अभिनय करने के लिए ये बहुत जरूरी था कि मैं हिंदी भाषा को अच्छे से बोल और समझ पाऊं, खासकर के 60 के दशक में जब दो कलाकारों के बीच में संवाद बहुत ही लंबा और शायराना शब्दों को मिला कर बना करते थे।”

उन्होंने कहा, “मेरी मां ‘परी चेहरा नसीम बानो’ जी ने मेरे यहां आने के बाद ये जि‍म्मा उठाया कि मैं ये अनमोल भाषा सीख सकती हूं, और मैंने उतनी ही लगन के साथ इसे सीखा, और इस बात का मुझे बहुत गर्व है।”

सायरा अभिनेत्री नसीम बानो और निर्माता मियां एहसान-उल-हक की बेटी हैं।

नसीम बानो को “ब्यूटी क्वीन” और भारतीय सिनेमा की “पहली महिला सुपरस्टार” के नाम से जाना जाता था। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1930 के दशक के मध्य में की थी और 1950 के दशक के मध्य तक अभिनय करती रहीं।

16 साल की उम्र में सायरा ने हिंदी फिल्मों में डेब्यू के लिए काम शुरू किया और 1961 में फिल्म ‘जंगली’ से शम्मी कपूर के साथ अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने 1960 के दशक में ‘झुक गया आसमान’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘अप्रैल फूल’, ‘आओ प्यार करें’, ‘शागिर्द’ और ‘प्यार मोहब्बत’ सहित कई अन्य सफल फिल्मों से खुद को स्थापित किया।