नई दिल्ली: नई दिल्ली में हुए 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह (National film awards) में रानी मुखर्जी को उनकी फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। यह उनके करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड था और यह पल उनके लिए बेहद खास रहा। समारोह में रानी ने एक ऐसा नेकलेस पहना था जिस पर उनकी बेटी अदिरा का नाम लिखा था।
रानी मुखर्जी ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह अपनी बेटी अदिरा को इस बड़े दिन पर अपने साथ लेकर आना चाहती थीं.लेकिन आयोजकों की तरफ से साफ निर्देश था कि चौदह साल से कम उम्र के बच्चों को अवॉर्ड समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं है। रानी ने कहा कि जब उन्होंने अदिरा को बताया कि वह साथ नहीं जा सकती तो वह बहुत रोई और उसने कहा कि यह बहुत गलत है क्योंकि वह अपनी मां के लिए सबसे ज्यादा खुश है और उसने उनके लिए एक खास पेंटिंग भी बनाई है।
रानी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को समझाने की कोशिश की और कहा कि वह उसे अपने साथ ले जाएंगी, भले ही वह वहां शारीरिक रूप से मौजूद न हो। इसीलिए उन्होंने अपनी बेटी के नाम वाला नेकलेस पहना। बाद में जब सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो वायरल हुए जिसमें लिखा गया था कि रानी अपनी बेटी को दिल से अपने साथ लेकर आई हैं, तो रानी ने वे वीडियो अदिरा को दिखाए। इससे अदिरा को काफी सुकून मिला और वह शांत हो गई। रानी ने कहा कि अदिरा उनकी लकी चार्म है और वह उसे हर खास मौके पर अपने करीब रखना चाहती हैं।
रानी को यह अवॉर्ड फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के लिए मिला जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में एक भारतीय मां की कहानी दिखाई गई है जिनके बच्चों को नॉर्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने उनसे अलग कर दिया था और इसके खिलाफ वह एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ती हैं। इस फिल्म को आशिमा छिब्बर ने निर्देशित किया है और रानी की इस भावनात्मक भूमिका ने दर्शकों और आलोचकों दोनों का दिल जीत लिया।
यह अवॉर्ड रानी के करियर में एक नया अध्याय जोड़ता है और उनकी बेटी अदिरा के नाम के साथ जुड़ा यह पल उनके लिए हमेशा खास रहेगा।