सांस की बीमारी के बाद कोविड जैसी परेशानियां हो रही हैं आम

प्रतिभागियों ने सर्वे के जरिए 45 शारीरिक और मानसिक लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इनमें कान, नाक और गले से जुड़े लक्षण, श्वसन, तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र और मांसपेशियों से जुड़े लक्षण शामिल थे।

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  • Publish Date - October 28, 2024 / 12:34 PM IST

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। कई बार कोविड-19 (Covid 19) के बाद भी लोग लंबे समय तक बीमार रहते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, यह अन्य सांस संबंधी बीमारियों के बाद भी आम बात है।

यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 1,90,000 प्रतिभागियों का डेटा अध्ययन किया। इस स्टडी के लिए उन्होंने लोगों को समूह में बांटा। एक समूह कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों का था। दूसरा लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (एलआरटीआई) के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों का था।

प्रतिभागियों ने सर्वे के जरिए 45 शारीरिक और मानसिक लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इनमें कान, नाक और गले से जुड़े लक्षण, श्वसन, तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र और मांसपेशियों से जुड़े लक्षण शामिल थे।

जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि कोविड से अस्पताल में भर्ती लोगों में 45 में से 23 लक्षणों का जोखिम अधिक था। इसी तरह, गैर-कोविड एलआरटीआई के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों में यह संख्या 45 में से 18 थी।

शोधकर्ता डॉ. जुनकिंग शि के अनुसार, कोविड के बाद लंबे समय तक असर बने रहना कोई नई बात नहीं है; यह अन्य गंभीर श्वसन संक्रमणों में भी देखा गया है। उन्होंने कहा कि कोविड के मरीज थकान, सांस लेने में कठिनाई और ध्यान में समस्या जैसे लक्षणों से अधिक जूझते हैं। साथ ही, पिछले अध्ययनों ने स्वाद की कमी जैसे लक्षणों को भी पाया है।

अध्ययन में पाया गया कि कोविड मरीजों में सोचने और संवाद करने में समस्या, अन्य श्वसन संक्रमणों के मुकाबले अधिक थी। डॉ. जुनकिंग ने यह भी कहा कि हमें अन्य गंभीर श्वसन संक्रमणों के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने और इनके कारणों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। यह जानकारी बेहतर स्वास्थ्य देखभाल योजना और उपचार में सहायक हो सकती है।