नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित लगभग 10 में से एक महिला को थकान, पाचन संबंधी समस्या महसूस होती है जो लॉन्ग कोविड से जुड़ी है।
इसमें कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान होने वाला कोविड बहुत ज्यादा खतरनाक माना जाता है इसमें शिशु की मौत के साथ समय से पहले जन्म का खतरा भी बना रहता है।
जर्नल ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के प्रकाशित शोध में 1,500 प्रतिभागी शामिल थे, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान कोविड हो चुका था और छह महीने बाद उन्हें लक्षण दिखाई दिए।
इनमें से 9.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने दीर्घकालिक लक्षणों का अनुभव किया है। इनमें थकान, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं और नियमित गतिविधियों से थकावट जैसे लक्षण शामिल है।
एनआईएच के नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट यूएस में कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज के डिवीजन के निदेशक डॉ. डेविड गोफ ने कहा, ” यह एक महत्वपूर्ण शोध है, क्योंकि गर्भावस्था और प्रसव के बाद का समय सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।
यह शोध कोविड और गर्भावस्था के बीच संबंधों पर बात करता है।” शोधकर्ताओं ने प्रसूति विशेषज्ञों को सतर्क रहने को कहा है। लॉन्ग कोविड के लक्षण गर्भावस्था के लक्षणों के साथ ओवरलैप हो सकते हैं।
रिपोर्ट किए गए लॉन्ग कोविड लक्षण गर्भावस्था के लक्षण नहीं थे, यह सुनिश्चित करने के लिए उन लोगों पर ही दूसरा शोध किया गया, जिन्होंने जन्म देने के 12 सप्ताह से अधिक समय बाद लक्षण बताए थे।
परिणामों में निष्कर्षों की पुष्टि हुई। चूंकि गर्भवती आबादी में लॉन्ग कोविड अधिक प्रचलित है, इसलिए शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य चिकित्सकों से इसके लक्षणों पर नजर रखने को कहा है।