ऑस्टियोपेट्रोसिस से पीड़ित पाकिस्तानी बच्ची का बेंगलुरु में बोन मैरो ट्रांसप्लांट

By : hashtagu, Last Updated : September 20, 2023 | 4:53 pm

बेंगलुरु, 20 सितंबर (आईएएनएस)। ऑस्टियोपेट्रोसिस (Osteopetrosis) से पीड़ित पाकिस्तान की पांच महीने की बच्ची का एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया।

शिशु ऑस्टियोपोरोसिस, जिसे अक्सर “मार्बल बोन डिजीज” के रूप में जाना जाता है, इसमें हड्डी की कठोरता और मोटाई बढ़ जाती है।

एक दशक के इंतजार के बाद कराची स्थित एक जोड़े के घर बेबी समाविया का जन्म हुआ। वह सिर्फ दो महीने की थी, जब उसके माता-पिता उसे दूध पिलाने में दिक्कत के कारण पाकिस्तान के अस्पताल ले गए, जहां उन्हें पता चला कि वह एक आनुवंशिक स्थिति से पीड़ित है।

उसकी स्थिति ने आंखों, कानों और यहां तक कि उसके मस्तिष्क को भी प्रभावित किया, जिसके लिए जटिल प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला की आवश्यकता हुई, जिसके लिए उसके माता-पिता बेंगलुरु के नारायण हेल्थ सिटी में डॉक्टरों के पास पहुंचे।

इस साल मार्च में मूल्यांकन के बाद, सामाविया को हल्की दृष्टि हानि की समस्‍या आई। जिससे बाद उसका इलाज किया गया। जिसके बाद सावधानीपूर्वक प्री-ट्रांसप्लांट तैयारी की गई। 16 मई को पिता की स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करके ट्रांसप्लांट किया गया।

अस्वीकृति और जटिलताओं के महत्वपूर्ण जोखिमों के साथ बोन मैरो ट्रांसप्लांट इलाज की आशा प्रदान करता है। इस प्रकार, डॉक्टरों ने नवीन टीसीआर अल्फा बीटा और सीडी 45 आरए डिप्लेशन तकनीक का उपयोग किया। पूर्ण मिलान दाताओं के बिना रोगियों के लिए तैयार की गई अत्याधुनिक पद्धति ने उल्लेखनीय सफलता दिखाई है।

ऑन्कोलॉजी के उपाध्यक्ष और नारायण हेल्थ सिटी में पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी और बीएमटी के निदेशक और प्रमुख सुनील भट्ट ने आईएएनएस को बताया, “शिशु ऑस्टियोपेट्रोसिस एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी है, जिसके कारण घनी हड्डियां, दृष्टि हानि और अंधापन, सुनने की समस्‍या, बोन मैरो आदि समस्‍या आती है। यह जीवन के कुछ वर्षों के भीतर घातक हो जाती है। इसका एकमात्र उपचारात्मक विकल्प बोन मैरो ट्रांसप्लांट है, जो तकनीकी रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है।”

डॉक्टरों ने एक बयान में कहा, “ट्रांसप्लांट के चार महीने बाद, समविया को ऑस्टियोपोरोसिस से मुक्त घोषित कर दिया गया है। उसके ठीक होने की यात्रा चल रही है, और उसकी हड्डी का पुनर्निर्माण सकारात्मक रूप से प्रगति कर रहा है।”

भट्ट ने कहा, “अब हमें उम्मीद है कि वह भी किसी अन्य सामान्य बच्चे की तरह होगी और इस खतरनाक बीमारी से ठीक हो जाएगी।”

बेबी समाविया के पिता जुनैद अली ने कहा, “मैं डॉक्टरों की विशेषज्ञता और मेरी बेटी की वास्तविक देखभाल के लिए उनका बहुत आभारी हूं।”