इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लिए सामान्य एंटीबायोटिक उम्मीद की किरण
By : hashtagu, Last Updated : February 12, 2025 | 11:59 am
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नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन के अनुसार, संक्रामक दस्त के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीबायोटिक एक प्रकार के इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) (Inflammatory bowel disease) के लिए प्रभावी दवा हो सकती है।
ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के रिसर्चर ने दिखाया कि वैंकोमायसिन नामक एंटीबायोटिक उन लोगों के इलाज में भी कारगर हो सकता है, जिन्हें एक खास तरह की आईबीडी है। यह प्राइमरी स्क्लेरोजिंग कोलांगाइटिस (पीएससी) नामक लाइलाज ऑटोइम्यून लिवर बीमारी के कारण विकसित होती है।
क्रोन और कोलाइटिस जर्नल में प्रकाशित एक क्लिनिकल ट्रायल के हिस्से के रूप में इस दवा लेने के बाद, अध्ययन में शामिल पांच में से चार रोगियों ने रोगमुक्ति हासिल की।
यह रिसर्च महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित कई प्रतिभागियों ने अन्य आईबीडी ट्रीटमेंट पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
इसके अलावा, आईबीडी और पीएससी का आपस में गहरा संबंध है। पीएससी से पीड़ित अधिकांश व्यक्तियों में आईबीडी विकसित होता है। इसके साथ ही आईबीडी से पीड़ित 14 प्रतिशत रोगियों में भी पीएससी विकसित होता है।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के डॉ. मोहम्मद नबील कुरैशी ने कहा, “हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि वैंकोमायसिन आईबीडी और ऑटोइम्यून लिवर रोग के इस चुनौतीपूर्ण संयोजन वाले रोगियों के लिए एक नया चिकित्सीय विकल्प प्रदान कर सकता है।”
साथ में, इस स्थिति ने कोलन सर्जरी की आवश्यकता को बढ़ा दिया। इसमें कोलन या लीवर कैंसर विकसित हो सकता है, जिसके लिए उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होगी। यह मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ाता है।
परीक्षण के दौरान, प्रतिभागियों को चार सप्ताह तक मौखिक एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया गया। उपचार के बाद लगभग 80 प्रतिशत रोगियों ने क्लीनिकल छूट मिल गई।
उन्होंने सूजन संबंधी मार्करों में भी महत्वपूर्ण कमी दिखाई, और 100 प्रतिशत म्यूकोसल हीलिंग हो गई। हालांकि, जब 8 सप्ताह के बाद उपचार बंद कर दिया गया, तो लक्षण वापस आ गए।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि वैंकोमाइसिन नामक दवा कुछ पित्त अम्लों में बदलाव ला सकती है। इन बदलावों का अध्ययन किया जा रहा है ताकि आईबीडी से जुड़े पीएससी रोग के इलाज को बेहतर बनाया जा सके।
टीम ने कहा, हालांकि रिजल्ट शुरुआती हैं, वे आगे के शोध के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।